फिल्मों या वेब सीरीज में हीरो-हीरोइन के बीच अक्सर रोमांटिक सीन दिखाए जाते हैं। पहले स्क्रीन पर किसिंग सीन कहानी का आम हिस्सा बन गए थे।
ओटीटी हो या फिल्म या वेब सीरीज, कहानी में रोमांस का एंगल दिखाने के लिए किसिंग अहम चीज बन गई है। लेकिन ऐसे सीन शूट करने की एक तकनीक होती है।
कई बार ऐसा होता है कि हीरो या हीरोइन ऐसे सीन करने से मना कर देते हैं, इसलिए फिल्म निर्देशक इन सीन के लिए हमेशा प्लान बी तैयार रखते हैं। इसके लिए बॉडी डबल का इस्तेमाल किया जाता है।
ऐसे सीन के लिए एक तरीका यह है कि दोनों के बीच एक आईना रख दिया जाए और दोनों उस आईने को चूम लें। इससे दर्शक को ऐसा महसूस होता है कि वे एक-दूसरे को चूम रहे हैं।
अगर कोई हीरो या हीरोइन बोल्ड सीन करने से मना करती है तो ऐसे में क्रू को इल्यूजन क्रिएट करके ब्यूटी शॉट्स से काम चलाना पड़ता है।
ब्यूटी शॉट्स का मतलब मेकअप से नहीं होता इसका मतलब है हग करना, किस करना, हाथों में हाथ डालना या फिर कैमरा का एंगल ऐसे रखना जिससे बॉडी पार्ट्स को कवर किया जा सके।यह सभी सिनेमैटोग्राफी की तकनीक होती हैं। ऐसे सीन में बेड पर सैटिन के बेडशीट्स यूज किए जाते हैं और उससे ढककर केवल इल्यूशन क्रिएट किया जाता है।
निर्देशक क्रोमा शॉट्स का भी इस्तेमाल करते है यह सीन नीले या हरे रंग के कवर के साथ किया जाता है, जिसे बाद में एडिटिंग से गायब कर दिया जाता है। एक्टर और एक्ट्रेस को किसिंग सीन से आपत्ति है तो उनके बीच कोई सब्जी जैसे लौकी या कद्दू रखा जाता है, ग्रीन कलर का होने के कारण लौकी क्रोमा का काम करती है और वो दोनों लौकी को किस करते हैं।
आर्टिस्ट की ये खुद की च्वाइस होती है कि इंटिमेट सीन करते समय दूसरे आर्टिस्ट से कितनी शारीरिक दूरी रखनी है। इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर भी आर्टिस्ट की च्वाइस का सम्मान करते हैं, इसलिए कुछ प्रॉप्स जैसे सॉफ्ट पिलो, क्रौच गार्ड, मोडेस्टी गारमेंट जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।
किसी भी इंटीमेट सीन को शूट करने के लिए अभिनेता या अभिनेत्री की रजामंदी सबसे जरूरी होती है ऐसे सीन शूट करते वक्त इस बात का पूरा ख्याल रखा जाता है कि मेल और फीमेल कलाकार के प्राइवेट पार्ट्स आपस में टच ना हों। इसके लिए क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह एक्टर के लिए लोगार्ड या कुशन या फिर एयर बैग का इस्तेमाल होता है।