बॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकार अतुल श्रीवास्तव बोले अब भारतीय फिल्में पूरे विश्व में देखी जा रही है! - Punjab Kesari
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बॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकार अतुल श्रीवास्तव बोले अब भारतीय फिल्में पूरे विश्व में देखी जा रही है!

भारतीय सिनेमा जगत में कुछ ही कलाकार है जिन्होंने बहुत कम समय में अपनी छाप छोड़ी है, उनमें

प्रसिद्ध कलाकार अतुल श्रीवास्तव से मनीष शर्मा की बातचीत के अंश
भारतीय सिनेमा जगत में कुछ ही कलाकार है जिन्होंने बहुत कम समय में अपनी छाप छोड़ी है, उनमें से एक कलाकार अतुल श्रीवास्तव को हर कोई जानता है। वह बॉलीवुड और टेलीविज़न जगत के मंझे हुए कलाकार हैं उन्होंने अपने हर किरदार में छाप छोड़ी है। आज के दौर में अतुल श्रीवास्तव फिल्म जगत में ऐसे कलाकार हैं, जिनके अदाकारी से बॉलीवुड के बड़े से बड़े सितारों को भी रश्क हो सकता है। लखनऊ से मुंबई की मायानगरी में शीर्ष तक पहुंचने वाले 61 वर्षीय इस बेहतरीन कलाकार ने पिछले कुछ साल में फिल्मों में व टेलीविजन के छोटे परदे की बदौलत जैसी मकबूलियत हासिल की है वह काबिल सितारों को ही मयस्सर होती है।
अतुल कुमार टेलीविजन शो करीना-करीना के पीके श्रीवास्तव के नाम से भी जाने जाते हैं। अतुल श्रीवास्तव कई बॉलीवुड फिल्मों में प्रमुख भूमिकाओं में अपनी अदाकारी का जलवा दिखा चुके हैं और दिखा रहे हैं। जैसे- मुन्ना भाई एमबीबीएस,बजरंगी भाईजान, बंटी और बबली, एक चालीस की लास्ट लोकल, मुन्ना भाई एमबीबीएस 2, स्त्री, द कश्मीर फाइल्स, टॉयलेट एक प्रेम कथा, भूतनाथ, लुका छुपी। रुपहले पर्दे पर अतुल ने टी टाइम मनोरंजन, काश-एम-काश, सॉरी मेरी लॉरी और गुडगुडी जैसे सौ से अधिक टीवी शो में अभिनय किया है।
वे बचपन से ही एक कलाकार रहे हैं। स्नातक पूर्ण होने के बाद भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ से अभिनय की बारीकियां सीखीं। इसके बाद कई विज्ञापनों और धारावाहिकों में काम किया। इंडस्ट्री में 10 वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद मुन्नाभाई एमबीबीएस से फिल्मों में मौका मिला। आज अतुल श्रीवास्तव दिग्गज कलाकारों में शुमार होते हैं। देश के कई विश्वविद्यालयों सहित फिल्म ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने के साथ-साथ आईआईटी पवई और एनआईटी मैं कई मोटिवेशनल ट्रेनिंग आपके द्वारा दी गई है।
ओटीटी पर अतुल श्रीवास्तव को दर्शक देखना पसंद करते हैं उनकी कई वेब सीरीज स्ट्रीम होने वाली है। जो वेब सीरीज स्ट्रीम हो गई उनमें एमएक्स पर मनफोडगंज की बिन्नी सीरियल बहुत देखा गया। अतुल श्रीवास्तव की वेब सीरीज घर वापसी भी दर्शकों को बहुत पसंद आई है। नेटफ्लिक्स पर वेब सीरीज “चूना” 3 अगस्त को रिलीज होने वाली है इस सीरीज का दर्शकों को बेसब्री से इंतजार है। अतुल श्रीवास्तव से बातचीत के अंश…
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प्रश्न: हिंदी फिल्मों से ज्यादा दक्षिण भारतीय फिल्में पैसा कमा रही है? दर्शक भी उन्हें पसंद कर रहे हैं, हिंदी फिल्में ज्यादातर फ्लाप हो रही है ऐसा क्यों?
उत्तर: यह कहना बिल्कुल गलत है की हिंदी फिल्में फ्लॉप हो रही है, लोगों का बल्कि क्रेज बढ़ा है। बॉलीवुड की फिल्में 100 करोड़ से 500 करोड़ तक के क्लब में शामिल हुई है। अच्छी कहानी होगी और अच्छे खाटी कलाकार होंगे तो दर्शक सिनेमाघर तक खींचे चले आते हैं। हर फिल्म अच्छा परफॉर्मेंस दे ऐसा तो नहीं हो सकता। हॉलीवुड तक की बड़े से बड़े बजट की फिल्में फ्लॉप हो जाती है कम व्यापार करती है। अच्छी कहानी होगी जो लोगों के दिल को छू जाएगी मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव डालेगी तो दर्शक उसे सर आंखों पर बिठा देंगे। दक्षिण की फिल्मों के कलाकार हमारे यहां हिंदी फिल्मों में काम करते हैं और हिंदी फिल्मों के कलाकार वहां काम करते हैं किसी से भी तुलना करना ठीक नहीं है। भारतीय फिल्में आज पूरे विश्व में देखी जा रही है। हमारे सिनेमा जगत ने अपनी पहचान बनाई है।
प्रश्न: बहुत संघर्ष के बाद आपने फिल्मों में जगह बनाई, इस मुकाम पर कैसे पहुंचे ?
उत्तर : लखनऊ में निराला नगर की सीएसआईआर कालोनी में मेरा बचपन बीता है। लखनऊ में ही पला बढ़ा। मेरे पिता बिमल चंद्रा काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) में वैज्ञानिक रहे हैं। मां इंदु चंद्रा अपने जमाने के हिसाब से काफी पढ़ी लिखी और समझदार महिला रहीं। पांच भाइयों और एक बहन की परवरिश उन्होंने एक किसी गुरु की तरह ही की। एक्टिंग तो तो मैं बचपन से ही करता आ रहा था, लेकिन ये पेशा भी होता है, ये पता नहीं था। छठवीं और सातवीं क्लास से ही अपनी कालोनी के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने लगा। मैं कॉमेडी करता और लोग हंसते। इतनी समझ नहीं थी कि ये समझ पाऊं कि ये क्यों हंस रहे हैं, पर अच्छा लगता था कि मैं कुछ तो ऐसा कर रहा हूं जिसका असर दूसरों पर हो रहा है। मेरे भीतर का कलाकार यहीं से पनपने लगा। मैंने भारतेंदु नाट्य अकादमी में प्रवेश लिया। ये बात 1984 की है। दो साल बाद मैं दिल्ली आ गया और साक्षी थिएटर ग्रुप के साथ जुड़कर नाटक करने लगा हर किरदार को बखूबी निभाने की कोशिश की। ये सिलसिला कोई 7-8 साल चला। फिर मुझे जिस धारावाहिक में पहला काम मिला, वह था ‘कशमकश’। और, यही धारावाहिक मुझे 1994 में मुंबई ले आया। यहीं से मेरे सफर की शुरुआत हुई।
प्रश्न:  रुपहले पर्दे पर और फिल्म में पहला मौका कैसे मिला?
उत्तर: धारावाहिक ‘कशमकश’ में मेरा काम लोगों को पसंद आया और इसके बाद लगातार काम मिलता रहा। गिनने बैठें तो मैने 110 धारावाहिकों में काम किया है जिनमे से करीब 90 में तो मेरी मुख्य भूमिका रही। धारावाहिकों में लंबी पारी खेलने के बाद सिनेमा की पिच पर मेरी पारी फिल्म ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ से शुरू हुई। जब पहली बार मुझे इस फिल्म के लिए बुलाया गया, तब फिल्म के हीरो शाहरुख खान थे। उन्होंने फिल्म छोड़ी तो इस पर काम रुका रहा। फिर साल भर बाद दोबारा इसके लिए बुलावा आया। फिल्म की कास्टिंग देखने वालों को हर किरदार में मंझे हुए कलाकार चाहिए थे और उनकी जिद पर मैने ये फिल्म कर ली। इसके बाद मुन्ना भाई एमबीबीएस 2 की। फिल्मों में अलग-अलग किरदार की भूमिका मिलने लगी। ईश्वर की कृपा से आज मेरे पास बहुत काम है।
प्रश्न : आप मंझे हुए कलाकार हैं कला के क्षेत्र में आने वाली प्रतिभाओं को क्या संदेश देंगे?
उत्तर: सफलता पाना हो तो पहले खुद को एक खाली गिलास की तरह रखे। जो ट्रेंड होते हैं उनका गलास जल्दी भर जाता है। ग्लास खाली रखें ताकि कभी उसमें शेक पीले तो कभी उसमें जूस पी ले। यह नहीं सोचा कि हमने तो इस इंस्टिट्यूट से एक्टिंग सीखी है या उस इंस्टिट्यूट से सीखी है, अपने पूर्वाग्रहों और अहम को छोड़ें एवं ग्रहणशील बनें। 20 वर्षों तक मैंने रंगमंच पर भूमिका निभाई है और अभी भी तत्पर रहता हूं। एक्टिंग सीखने की भूख हमेशा बरकरार रहना चाहिए, रोज ऐसा महसूस होना चाहिए कि आज कला के क्षेत्र में मेरा पहला दिन है। अपने व्यक्तित्व को आकर्षक बनाना हमारे अपने हाथ में। अपने सबसे बड़े प्रशंसक और क्रिटिक हम खुद होते हैं। कला के क्षेत्र में जो पहला पाठ मैंने सीखा, वह था स्वत यानि खुद को समझना। ईश्वर ने मुझे इतनी समझ तो दी ही थी। प्रतिभा दूसरे नंबर पर आती है, पहली तो सोच है। यदि आप में कला के गुण है तो सबसे पहले रंगमंच में अपना स्थान बनाइए वहां से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अच्छा कलाकार कहानी की मांग पर अलग-अलग किरदार निभा सकता है। कलाकार को लेकर मेरी अपनी भूख है स्टारडम अपनी जगह है, हमारी दुकान एक्टिंग की है और दुकान में माल चाइनीस नहीं होना चाहिए, अच्छा माल होना चाहिए। नए कलाकारों को मेरा यही कहना है।
प्रश्न: स्त्री 2 की शूटिंग करने आप मध्यप्रदेश आए हैं कब तक यह फिल्म रिलीज हो रही है?
उत्तर: ‘स्त्री 2’ 2024 के शुरुआत में रिलीज हो सकती है। फिल्म ‘कुछ खट्टा हो जाये’ और ‘मिशन लेला’तथा रूमी की शराफत इस साल के अंत तक रिलीज होने वाली है। 3 अगस्त को वेब सीरीज “चूना” नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो रही है, दर्शक उसे देखें।

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