सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन भारत में बनी फिल्मों को उनकी विषय-वस्तु के आधार पर प्रमाणपत्र देता है। CBFC पिछले करीब 4 दशक से फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया का पालन कर रहा है। हालांकि, अब इस प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं। सीबीएफसी के नए अपडेट का उद्देश्य माता-पिता को अपने बच्चों के लिए बेहतर कंटेंट डिसाइड तय करने में मदद करना है।
क्या है सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन
सेंसर बोर्ड एक वैधानिक निकाय है जो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करता है। यह बोर्ड हमारे देश की फिल्मों को कंटेंट के अनुसार प्रमाण-पत्र प्रदान करता है। CBFC पिछले 40 सालों से फिल्मों को प्रमाण-पत्र देता आ रहा है और अब इसमें थोड़ा बदलाव किया गया है। अब माता-पिता यह तय कर सकेंगे कि फिल्म उनके बच्चों के लिए उपयुक्त है या नहीं। CBFC ने कुछ नई श्रेणियां शुरू की हैं।
क्या है CBFC द्वारा सर्टिफिकेशन देने की कैटेगरी
सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 के तहत सबसे पहले फिल्मों को उनके कंटेंट के हिसाब से दो श्रेणियों में बांटा गया। पहली श्रेणी है यू यानी यूनिवर्सल। इस श्रेणी के तहत फिल्में सभी वर्ग के दर्शक देख सकते हैं और दूसरी श्रेणी है ए, जिसके तहत सिर्फ वयस्कों को ही फिल्में देखने का अधिकार है।
सीबीएफसी द्वारा बनाई गई 5 नई कैटेगरी
U कैटेगरी
यदि किसी फिल्म को इस श्रेणी में प्रमाण पत्र दिया जाता है, तो इसका मतलब है कि ऐसी फिल्म को सभी उम्र के दर्शक देख सकते हैं, चाहे वे बच्चे हों या बूढ़े।
UA कैटेगरी
इस कैटेगरी को उम्र के हिसाब से चार अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। पहला है UA 7+, दूसरा है UA 13+ और तीसरा है UA 16+। इन कैटेगरी में ऐसी फिल्में रखी जाएंगी जो बच्चों के लिए प्रतिबंधित नहीं हैं लेकिन उम्र के हिसाब से कुछ सावधानी के साथ आती हैं।
UA 7+ कैटगरी
इस श्रेणी का मतलब है कि ये फ़िल्में 7 साल या उससे ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त होंगी। हालाँकि, इस श्रेणी में अभिभावक यह तय कर सकेंगे कि फ़िल्म उनके छोटे बच्चे के लिए उपयुक्त है या नहीं।
UA 13+ कैटेगरी
इस श्रेणी का अर्थ है कि ये फिल्में 13 वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चे देख सकते हैं।
UA 16+ कैटेगरी
इस श्रेणी का प्रमाण पत्र माता-पिता या अभिभावकों को यह मार्गदर्शन देगा कि यह उनके 16 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए उपयुक्त है या नहीं।
A कैटेगरी
इस श्रेणी में वे फिल्में शामिल होंगी जिन्हें 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के लोग देख सकते हैं। ये फिल्में वयस्कों के लिए बनाई गई हैं।