अभिनेता Pankaj Tripathi ने कहा- 'OTT से सिनेमा हॉल के दर्शक कम नहीं होंगे...' - Punjab Kesari
Girl in a jacket

अभिनेता Pankaj Tripathi ने कहा- ‘OTT से सिनेमा हॉल के दर्शक कम नहीं होंगे…’

अभिनेता पंकज त्रिपाठी खाटी के मंझे हुए कलाकार हैं, जो अपनी सरल-सादगी के लिए जाने जाते हैं। भारतीय

अभिनेता पंकज त्रिपाठी मुंबई से भोपाल आए यात्रा में मनीष शर्मा से बातचीत के अंश:-
अभिनेता पंकज त्रिपाठी खाटी के मंझे हुए कलाकार हैं, जो अपनी सरल-सादगी के लिए जाने जाते हैं। भारतीय सिनेमा के कामयाब अभिनेताओं में उनकी गिनती होती है, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने करीब 13 से 15 वर्ष तक कड़ा संघर्ष किया। उन्होंने अपनी अदा से भारतीय सिनेमा में दर्शकों का ध्यान एक आम कलाकार की ओर आकर्षित किया है।
1688974054 123125987 355936372343954 9110914141337060195 n
शुरुआत में उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा कुछ विज्ञापन मिले और फिल्मों में छोटे-छोटे रोल, उन्होंने अपनी कला को चैलेंज के रूप में लिया। भारतीय सिनेमा में आज उनका नाम तेज रोशनी की तरह चमक रहा है, पंकज त्रिपाठी की खास बात यह है कि सफलता का उन्हें कोई घमंड नहीं है। वह चाहते हैं कि भारतीय फिल्में पूरे विश्व में अपनी पहचान बनाए। आज मुंबई से भोपाल हवाई यात्रा के दौरान उन्होंने बताया कि वह मध्यप्रदेश के चंदेरी स्त्री 2 की शूटिंग के लिए जा रहे हैं। पढ़िए बातचीत के मुख्य हिस्से-
1688974271 146774875 239472434457735 2687951467195531116 n
प्रश्न: रुपहले पर्दे पर ओटीटी के बाद सिनेमा हॉल में दर्शकों की संख्या कम हुई है आपका क्या सोचना है?
उत्तर: ऐसा बिल्कुल नहीं है जो फिल्में अच्छी होती है वह कहीं भी चल जाती है। दर्शक उन्हें देखने के लिए खिंचा चला आता है। यह बात जरूर है कि ओटीटी से नए कलाकारों का मौका मिला है। नई नई कलाकार अपना जौहर दिखा रहे हैं और अपनी अदाकारी से दर्शकों का मन हो रहे हैं।
प्रश्नः सिनेमा में नए कलाकारों के सामने किस तरह की कठिनाइयां आती हैं?
उत्तर- जिसमें कला है और अपनी अदा है उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है। हां शॉर्टकट सबसे बड़ी समस्या है, जिसे आज के युवा आर्टिस्ट अपनाने की कोशिश करते हैं। मैं सबसे कहता हूं, ऐसा मत करो, आगे मुसीबतें आएगी। संपूर्ण शिक्षा, प्रशिक्षण के बगैर आपके काम में निखार नहीं आ सकता। ये नहीं हैं तो आपके काम में अनाड़ीपन दिखेगा, जिसे दर्शक पहले ही सीन में रिजेक्ट कर देंगे। फिल्म इंडस्ट्री का एक दस्तूर भी है, जो एक बार रिजेक्ट हुआ, फिर सिलेक्ट जल्दी से नहीं होता। इसलिए पूरी तैयारी के बाद युद्ध में कूदो। जिस भूमिका में रोल प्ले कर रहे हैं उसमें वह भाव लाने की कोशिश करो।
प्रश्नः आपके पास ढेरों प्रोजेक्ट है। कई निर्माता-निर्देशक आपके चक्कर लगा रहे हैं?
उत्तर- मैं सफलता नहीं देखता, मैं काम देखता हूं। मुझ पर ईश्वर की कृपा है। दर्शकों का प्यार है जिन्हें मेरी अदाकारी पसंद आ रही है। लेकिन ईमानदारी से बताऊं तो ये दिन देखने के लिए पापड़ भी बहुत बेले हैं। मजदूरी से लेकर कोई ऐसा काम नहीं छोड़ा, जो मैंने ना किया हो। फिल्मों में संघर्ष के बाद ही आगे बढ़ा हूं। जैसा किरदार मुझे मिलता है उसे निभाने के लिए पूरी तन्मयता से काम करता हूं।

प्रश्नः आप बिहार के एक छोटे से गांव से मुंबई कैसे पहुंचे।
उत्तर-फिल्मों में काम करने का बहुत शौक था तो मुंबई चला आया। कुछ दिन होटल में काम किया। जीवन में संघर्ष बहुत था। बिहार के गोपालगंज जिले में छोटा-सा गांव बेलसंड है जहां मेरा जन्म हुआ। चार भाई-बहन में मैं सबसे छोटा हूं, कलाकार बनने का शौक बचपन से था। बचपन में कुछ ना कुछ करता रहता था, लोगों की नकल उतारता था, गांव-खेड़ा में होने वाली नौटंकियों में नाचने का सिलसिला शुरू हुआ। छोटे-छोटे कार्यक्रमों में अपनी अदाकारी से लोगों का ध्यान आकर्षित करता था। पिताजी किसान थे, गांव-आसपास में पंडताई भी करते थे। वह मेरे कलाकार बनने के खिलाफ थे, वो चाहते थे मैं डॉक्टर बनूं, पटना भेजना चाहते थे। लेकिन शायद किस्मत कहीं और ले जाना चाहती थी। आज जो आप सब लोगों के सामने हूं। ईश्वर की कृपा से बहुत सारे प्रोजेक्ट हाथ में है।

प्रश्नः मिर्जापुर के कालीन भैया और स्त्री 2 के रूद्र भैया दर्शकों को कब देखने को मिलेंगे?
उत्तर: स्त्री 2 की शूटिंग के लिए तो मैं जा ही रहा हूं वैसे स्त्री 2 मुझे लगता है कि 2024 में रिलीज होगी और दर्शकों को बहुत पसंद आएगी। वेब सीरीज मिर्जापुर का तीसरा पार्ट 2024 में ही आयेगा। गुलकंद टेल्स, ओह माय गॉड 3, मर्डर मुबारक, फादर, मेट्रो इन दिनों जल्द रिलीज हो जाएंगी। अटल और स्त्री 2 की शूटिंग चल ही रही है। अगस्त में आप ओह माय गॉड 3 देखिए बहुत अच्छी फिल्म है।

प्रश्न: निर्माता-निर्देशकों की नजर में बड़े-बड़े कलाकारों को आपने पीछे छोड़ दिया है?
उत्तर: ऐसा कुछ नहीं है लोगों का प्रेम है। मेरा प्रयास तो यह होता है कि दर्शक जब भी मुझे रुपहले पर्दे पर या सिनेमा में देखें तो उन्हें एक अच्छा कलाकार परफॉर्म करता हुआ दिखे। किसी से तुलना करना ठीक नहीं है।
प्रश्न: कई प्रोजेक्ट आपने ठुकरा दिया है क्योंकि आपके पास समय नहीं है?
उत्तर: जब आप सफल कलाकार होते हैं तो आपके पास तमाम तरह के प्रोजेक्ट्स ऑफर होते हैं लेकिन समय का अभाव तो रहता ही है। यह भी देखना होता है कि जो प्रोजेक्ट आपको ऑफर हो रहे हैं उसमें कलाकार फिट बैठता है कि नहीं और उसकी कितनी गहराई है। दर्शक किरदार के रूप में पसंद करेंगे या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।