पूर्णिया सीट पर यादव Vs यादव, Pappu Yadav के लिए कितनी बड़ी होने वाली है चुनौती ?
Girl in a jacket

पूर्णिया सीट पर यादव vs यादव, पप्पू यादव के लिए कितनी बड़ी होने वाली है चुनौती ?

Pappu Yadav vs Tejashwi Yadav

Pappu Yadav: लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होना है। दूसरे चरण में कई हॉट सीटें हैं। लेकिन इन सभी सीटों में बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। जहां कई बार के सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, राजद से बीमा भारती और जदयू से संतोष कुमार मैदान में हैं। अब ये सीट काफी चर्चा में है। पूर्णिया समेत कई सीटों पर चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है।

Highlights:

  • लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को होना है।
  • बिहार के पूर्णिया लोकसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है।
  • इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है।

Pappu Yadav के खिलाफ लिखी जा रही महाभारत

पूर्णिया सीट पर कई समीकरण एक साथ काम कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि पूर्णिया सीट जीतने के लिए तेजस्वी यादव ने राजद विधायकों की पूरी फौज को पप्पू यादव (Pappu Yadav) के खिलाफ चुनावी समीकरण साधने के लिए मैदान में उतार दिया है। पप्पू यादव इसे अपने खिलाफ तेजस्वी यादव का महाभारत बता रहे हैं। पप्पू यादव ने कहा है कि तेजस्वी यादव पूर्णिया में महाभारत लिख रहे हैं।

पूर्णिया में Pappu Yadav का क्यों विरोद कर रहे हैं तेजस्वी?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राजद खुलेआम पप्पू यादव (Pappu Yadav) का विरोध इसलिए कर रही है क्योंकि वे चाहते हैं कि बिहार में तेजस्वी यादव के अलावा कोई और बड़ा यादव नेता न उभरे। चाहे वो कोई भी जिला हो या फिर राज्यसभा पर। यह भी कहा जा रहा है कि राजद को डर है कि अगर पप्पू यादव पूर्णिया में चुनाव जीत गए तो वह पूरे बिहार में लालू यादव और तेजस्वी यादव के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। यही वजह है कि तेजस्वी यादव ने अब अपनी निजी लड़ाई को राजनीतिक लड़ाई बना लिया है।

यह भी पढ़ें.. लोकसभा चुनाव के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ पीएम का अभियान तेज होगा: जेपी नड्डा

क्या हैं पूर्णिया में जातीय समीकरण?

पूर्णिया लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां करीब 7 लाख मुस्लिम वोटर हैं। दूसरे स्थान पर दलित और आदिवासी मतदाता हैं, जिनकी संख्या करीब 4 लाख है। इसके बाद तीसरे स्थान पर यादव मतदाता हैं, जिनकी संख्या करीब डेढ़ लाख है। वहीं, अति पिछड़ा, ब्राह्मण और राजपूत मतदाताओं की संख्या सवा लाख से डेढ़ लाख के बीच है।

 

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा YouTube Channel ‘PUNJAB KESARI’ को अभी subscribe करें। आप हमें FACEBOOK, INSTAGRAM और TWITTER पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

two × one =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।