क्या संविधान से भी ‘इंडिया’ शब्द हटाएगी भाजपा?: राजीव रंजन - Punjab Kesari
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क्या संविधान से भी ‘इंडिया’ शब्द हटाएगी भाजपा?: राजीव रंजन

पटना: भाजपा द्वारा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की तुलना इंडियन मुजाहिदीन से करने पर पलटवार करते हुए जदयू के

पटना: भाजपा द्वारा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की तुलना इंडियन मुजाहिदीन से करने पर पलटवार करते हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने आज कहा है कि इंडिया शब्द से भाजपा इतनी बिदक रही है जैसे अंग्रेज स्वतंत्रता सेनानियों को देख कर बिदकते थे. यही वजह है कि यह लोग इंडिया जैसे देश के विश्वप्रचारित नाम की तुलना कभी ईस्ट इंडिया कंपनी से कर रहे हैं तो कभी इंडियन मुजाहिदीन से. भाजपा यह जान ले कि यह सरासर देश का अपमान है, जिसे जनता कभी सहन नहीं करने वाली है. उन्होंने कहा कि वास्तव में विपक्षी एकता से भाजपा अंदर से डर चुकी है, इसीलिए इनके हर नेता इसके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं. लेकिन जनता जानती है कि इंडिया नाम से उन्हीं को एलर्जी हो सकती है जिनका देश और देश के संविधान में विश्वास न हो. संविधान की प्रस्तावना में भी भारतीय संविधान की प्रस्तावना में लिखा है कि  ‘इंडिया दैट इज़ भारत’. इससे साफ़ है कि देश के दो नाम हैं. इसके अतिरिक्त विदेशों में प्रधानमन्त्री मोदी को ‘प्राइम मिनिस्टर ऑफ़ रिपब्लिक ऑफ़ इंडिया’ के नाम से संबोधित किया जाता है. भाजपा को यह बताना चाहिए कि क्या वह संविधान से ‘इंडिया’ शब्द हटाएगी? उन्हें यह भी बताना चाहिए कि क्या वह दुनिया के अन्य मुल्कों को भी इंडिया शब्द कहने से रोकेंगे?   राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि भाजपा के नेता इंडिया नाम को अंग्रेजों से जोड़ रहे हैं जो उनके अल्पज्ञान को दिखलाता है. उन्हें जानना चाहिए कि यह नाम यूनानियों का दिया हुआ है. इसकी उत्पति इंडस वैली यानी सिन्धु घाटी से हुई है. भाजपा को यह बताना चाहिए कि विपक्षी दलों की जलन में क्या वह अब इतिहास को भी बदल देगी. हकीकत में इंडिया नामकरण से भाजपा की नींद उड़ चुकी है. यही वजह है कि जिन क्षेत्रीय दलों को यह समाप्त करने का ऐलान कर रहे थे आज इनके नेता उन्हीं की चापलूसी कर उन्हें अपने पाले में लाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं. यह दिखाता है कि वोटों के लिए इन्हें किसी की बुराई करने या उनकी चरणवन्दना करने में रत्ती भर भी समय नहीं लगता. भाजपा यह जान ले कि जनता की अदालत में वह एक्सपोज हो चुकी है. आगामी लोकसभा चुनाव में 400 सीट जीतना तो दूर वह 100 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएंगे.

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