UPA सरकार ने फरवरी 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर डील की : नित्यानंद - Punjab Kesari
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UPA सरकार ने फरवरी 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड से 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद को लेकर डील की : नित्यानंद

क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाया गया है तो कांग्रेस छटपटा रही है। अब जाहिर सी बात है कि

पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं उजियारपुर से सांसद नित्यानंद राय ने अगस्ता वेस्टलैंड मामले में कांग्रेस और गांधी परिवार को कटघरे में रखते हुए पूछा है कि मिशेल मामले में कांग्रेस इतना क्यों घबरा रही है और क्या सच है जिसको छुपाना चाह रही है? यह बात तो अब किसी से नहीं छुपी है कि 29 दिसंबर, 2018 को प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के पटियाला कोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा किया है कि जांच में मिशेल ने मिसेज गांधी का नाम लिया है।

क्रिश्चियन मिशेल ने पूछताछ में कई नामों का उल्लेख किया है और साथ ही प्राप्त दस्तावेजों में कई शब्दों का इस्तेमाल कोडवर्ड के तौर पर किया गया है जिसमें बिग मैन, सन ऑफ इटैलियन लेडी, पार्टी लीडर जैसे शब्द हैं। ये सभी एक ही परिवार की तरफ इशारा करते हैं। आज कांग्रेस की चोरी पकड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि चोरी पकड़े जाने पर कांग्रेस की बौखलाहट से अब मालूम पड़ा कि चोर इतना शोर क्यों मचा रहा है, क्योंकि चोर मचाए शोर। मोदी सरकार में चोरों की नींद उड़ी हुई है और चोरी पकड़ी जा रही है।

कांग्रेस को पहले से ही अंदाजा हो चला है कि अब उसका भांडा फूटने वाला हैए उसकी चोरी पकड़ी जाने वाली है, इसलिए वह बौखलाहट में प्रलाप कर रही है। यही नहीं सबसे गंभीर बात यह है कि बिचौलियों की सभी फाइलों तक पहुंच थी। अगस्ता वेस्टलैंड में नए खुलासे से ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे ही कोई फाइल अधिकारियों और मंत्रालयों के पास जाती थीए वैसे ही उस फाइल की एक कॉपी मिशेल के पास भी पहुंच जाती थी।

श्री राय ने कहा कि अगस्त वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में में भष्टाचार का मामला सबसे पहले इटली की कोर्ट में उठा था लेकिन कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन की यूपीए-2 सरकार ने इटली की कोर्ट को न तो दस्तावेज उपलब्ध कराये और न ही जांच में कोई सहयोग दिया। इस बात से ही साबित होता है कि सोनिया-मनमोहन सरकार ने किसी ख़ास मकसद से सच को छुपाने की साजिश की।

भाजपा अध्यक्ष श्री राय ने जोर देकर कहा कि घोटाले की जांच प्रकिया को राजनीतिक रूप दिया जाना बेहद निंदनीय है। जब भी किसी विदेशी के भ्रष्टाचार का मामला सामने आता है, तो सबसे पहले उसका कनेक्शन गांधी परिवार से क्यों जुड़ जाता है? कांग्रेस को इस मामले में अपना पक्ष साफ करना चाहिए और जवाब देना चाहिए।

कांग्रेस ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई देने की कोशिश की है लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अगस्ता वेस्टलैंड के केस में भ्रष्टाचार हुआ है या नहीं? यदि भ्रष्टाचार हुआ तो यह प्रक्रिया किसने शुरु कीघ् क्या यह आरोप हमारे हैं या भारत सरकार के किसी जांच एजेंसी के? भ्रष्टाचार का विषय इटली की सरकार में उठाए इटालियन कोर्ट में उठाए वहां से यह बात प्रारंभ हुई इसलिये कांग्रेस को जवाब देना चाहिये। यह विषय राजनीतिक न कभी था न है। कांग्रेस ने मनमोहन सिंह जी की सरकार के दौरान पोल खुलने के डर से घबराहट में अगस्ता वेस्टलैंड मामले की जांच केंद्रीय अंवेषण ब्यूरो-सीबीआई को सौंपा था। लेकिन जब केंद्र सरकार के प्रयास से जब क्रिश्चियन मिशेल को भारत लाया गया है तो कांग्रेस छटपटा रही है। अब जाहिर सी बात है कि मिशेल के खुलासों को लेकर कांग्रेस की घबराहट स्वाभाविक है।

श्री राय ने कहा कि सोनिया-मनमोहन-राहुल गांधी की कांग्रेस सरकार घोटालों की सरकार थी। जलए थल, नभ, अंतरिक्ष, पाताल, सब जगह कांग्रेस की यूपीए सरकार ने घोटाले किए। सोनिया-मनमोहन का राज ऐसा थाए जिसमें केवल और केवल देश को लूटने का काम हुआ। सोनिया-राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने राष्ट्र की सुरक्षा के साथ समझौता किया। बिचौलियों के बगैर कांग्रेस सरकार ने कोई रक्षा समझौता नहीं किया।

जब मोदी सरकार अगस्ता वेस्टलैंड के आरोपी मिशेल का प्रत्यर्पण करा कर भारत लाई तो कांग्रेस ने तुरंत आरोपी को बचाने और गांधी परिवार का राज खुल जाने के डर से वकील भी दे दिया। कोर्ट में ईडी के खुलासे से स्पष्ट हो गया है कि किस तरह गड़बड़ी की जा रही है। आज कोर्ट ने भी इस तथ्य को मानाए इसलिए कोर्ट ने मिशेल से उनके वकीलों के मुलाक़ात का समय घटा कर 15 मिनट कर दिया और वकीलों को दूर से मिलने की हिदायत दी।

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