इतिहास के पन्ने में आज का दिन काले अक्षरों में लिखा जाएगा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

इतिहास के पन्ने में आज का दिन काले अक्षरों में लिखा जाएगा

पटना  :नये संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर देश के प्रथम नागरिक, विधायिका और कार्यपालिका के प्रधान के साथ हीं तीनों सेना के सर्वोच्च कमांडर की अनुपस्थिति को देश के 140 करोड़ जनता का अपमान बताते हुए राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि इतिहास के पन्ने में आज के दिन को काले अक्षरों में लिखा जाएगा। संविधान और लोकतंत्र के आत्मा विहीन बुनियाद पर खड़ी इमारत को लोकतंत्र का मन्दिर नहीं कहा जा सकता। राजद प्रवक्ता ने कहा कि नये संसद भवन के उद्घाटन के नाम पर आज जो कुछ भी हुआ उससे यह साबित हो गया कि विपक्षी पार्टियों द्वारा कार्यक्रम के वहिष्कार का निर्णय बिल्कुल सही और तार्किक था। यह नये संसद भवन का लोकार्पण नहीं बल्कि एक राजा का राज्याभिषेक लग रहा था। आयोजन में जिस प्रकार संवैधानिक प्रावधानों और लोकतांत्रिक मर्यादाओं की हत्या कर सेंगोल (राजदंड) को महिमा मंडित किया गया वैसा तो केवल राज्याभिषेक में हीं होता है। जिसमें राजपुरोहित राजा को राजदंड देकर उनमें विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की शक्ति समाहित करते हैं। भारत के राजतंत्रीय व्यवस्था में ऐसे अवसर पर दलित, आदिवासी और महारानी को छोड़कर महिलाओं की उपस्थिति को निषिद्ध माना जाता था। शायद उसी परिपाटी का अनुसरण करते हुए संसद भवन के शिलान्यास के समय तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपति जी को अलग रखा गया था चुंकि वे दलित थे और अब लोकार्पण के समय भी वर्तमान महामहिम को भी अलग रखा गया है चुंकि वे आदिवासी के साथ हीं महिला हैं। 
राजद प्रवक्ता ने कहा है कि केन्द्र सरकार और भाजपा को सार्वजनिक रूप से यह स्पष्ट करना चाहिए कि किन कारणों से  महामहिम राष्ट्रपति से न तो शिलान्यास करवाया गया और न लोकार्पण । और दोनों अवसरों पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को क्यों नहीं आमंत्रित किया गया। देश की जनता को यह जानने का हक है चूंकि संसद भवन का निर्माण जनता के पैसे से हुआ है किसी खास व्यक्ति या पार्टी के पैसे से नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।