लेमनग्रास की खेती को बढ़वा देने के लिए 20 हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है : बिहार सरकार - Punjab Kesari
Girl in a jacket

लेमनग्रास की खेती को बढ़वा देने के लिए 20 हजार रुपए की सहायता राशि दी जा रही है : बिहार सरकार

बिहार सरकार ने आज कहा कि लेमनग्रास (सुगंधित पौधे) की खेती को बढ़वा देने के लिए 20 हजार

बिहार सरकार ने आज कहा कि लेमनग्रास (सुगंधित पौधे) की खेती को बढ़वा देने के लिए 20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता राशि दी जा रही है।
विधान परिषद में कृषि मंत्री अमरेंद प्रताप सिंह ने सोमवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नीरज कुमार के एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में कहा कि गया जिले के बाराचट्टी में लेमनग्रास की खेती से लोगों को अच्छी आमदनी हो रही है। लेमनग्रास से तैयार होने वाले तेल की मांग बिहार से बाहर छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल समेत कुछ प्रदेशों में अधिक है।
प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता अनुदान दिया
कृषि मंत्री ने कहा कि लेमनग्रास की खेती के लिए गया जिला में जिला प्रशासन गया के विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत जिला उद्यान कार्यालय एवं वन प्रमंडल के आपसी सहयोग से बाराचट्टी में इसकी खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। गया जिला में 30 हेक्टेयर में सुगंधित पौधे की खेती के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को 20 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता अनुदान दिया जा रहा है।
आवेदनों जिनकी संख्या 9,03,413 को अस्वीकृत किया 
श्री सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के रामचंद, पूर्वे के एक अल्पसूचित सवाल के जवाब में स्वीकार किया कि राज्य में वर्ष 202।22 के दौरान 998.11 करोड़ रुपए की खरीफ फसल का नुकसान होने पर कृषि इनपुट अनुदान के लिए 30 जिलों के 22 लाख 27 हजार 28 किसानों ने आवेदन दिया है। उन्होंने कहा कि कृषि इनपुट अनुदान योजना के तहत अब तक 5348923967 रुपए की राशि विभाग द्वारा 1323615 लाभान्वित किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से स्थानांतरित की गई है। योज्ञ पाए गए आवेदनों को स्वीकृत करने के बाद अन्य अयोज्ञ आवेदनों जिनकी संख्या 9,03,413 को अस्वीकृत किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।