बिहार विधानसभा चुनाव के पहले पोस्टर के जरिए राजद ने विकास पर जदयू को घेरा - Punjab Kesari
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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले पोस्टर के जरिए राजद ने विकास पर जदयू को घेरा

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के पोस्टर से छिड़ी बहस

बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर जहां सभी पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, वहीं एक-दूसरे को घेरने का भी कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। इसी बीच, पटना में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के सामने लगाए गए एक पोस्टर को लेकर खूब चर्चा हो रही है। पोस्टर के जरिए 17 महीने की महागठबंधन की सरकार की तुलना 20 साल की एनडीए सरकार में किए गए विकास से की गई है। खास बात यह है कि दोनों गठबंधनों की सरकार का नेतृत्व नीतीश कुमार ही कर रहे थे। दरअसल, यह पोस्टर ऋषि नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने लगवाया है। पोस्टर में विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को एक घोड़े पर सवारी करते हुए दिखाया गया है और उनके हाथ में राजद का चुनाव चिन्ह ‘लालटेन’ भी है।

दूसरी तरफ पोस्टर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक घोंघा पर बैठे हुए दिखाया गया है और उनकी पीठ में कुर्सी बंधी है। पोस्टर के जरिए यह भी दिखाया गया है कि 17 महीने वाली तेजतर्रार तेजस्वी सरकार 2025 में फिर से आ रही है। वहीं, नीचे एक जगह लिखा है, ‘तेजस्वी विकास-2025 में फुल स्पीड से होगा।’

इसके अलावा, नीतीश कुमार की स्पीड को कम दर्शाते हुए कहा गया है, ‘बीस साल में बिहार की स्पीड।’ इस पोस्टर में नीतीश कुमार की पीठ को कुर्सी से बंधे होने के जरिए यह भी दिखाने की कोशिश की गई है कि उन्हें सिर्फ कुर्सी से प्रेम है।

उल्लेखनीय है कि राजद महागठबंधन की सरकार को लेकर बराबर दावा करता रहा है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार में जब 17 महीने तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे, तब पांच लाख लोगों को रोजगार दिया गया, जातीय गणना करवाई गई और उसके आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया।

दूसरी तरफ पोस्टर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक घोंघा पर बैठे हुए दिखाया गया है और उनकी पीठ में कुर्सी बंधी है। पोस्टर के जरिए यह भी दिखाया गया है कि 17 महीने वाली तेजतर्रार तेजस्वी सरकार 2025 में फिर से आ रही है। वहीं, नीचे एक जगह लिखा है, ‘तेजस्वी विकास-2025 में फुल स्पीड से होगा।’

इसके अलावा, नीतीश कुमार की स्पीड को कम दर्शाते हुए कहा गया है, ‘बीस साल में बिहार की स्पीड।’ इस पोस्टर में नीतीश कुमार की पीठ को कुर्सी से बंधे होने के जरिए यह भी दिखाने की कोशिश की गई है कि उन्हें सिर्फ कुर्सी से प्रेम है। उल्लेखनीय है कि राजद महागठबंधन की सरकार को लेकर बराबर दावा करता रहा है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार में जब 17 महीने तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री थे, तब पांच लाख लोगों को रोजगार दिया गया, जातीय गणना करवाई गई और उसके आधार पर आरक्षण का दायरा बढ़ाया गया।

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