बिहार में हुई लाठी चार्ज में एक पार्टी कार्यकर्ता की मृत्यु लोकतंत्र की हत्या को दर्शता है। ये लाठी चार्ज आजादी के उस दौर को याद दिलाता है जिसमे स्वतंत्रा की मांग करने वाले प्रदर्शनकारियो को ब्रिटिश शासन बेरहमी से मारते थे।क्या सत्ता के नशे में सत्ता रूढ़ पार्टी आंदोलन जैसे अधिकार भी छीन लेंगी । ये लाठी चार्ज एक राजनीतिक पार्टी पर किया जिसमे उनके विधायक भी शामिल थे अब सोचिए आम जनता का प्रदेश में क्या हाल होता होगा। पुलिस जिस बर्बरता से लाठी चार्ज कर रही थी वह तस्वीर लोकतंत्र के लिए पीड़ा दायक है। एक वयक्ति को एक से अधिक पुलिस वाले घेर कर लाठी बरसा रहे थे, मनो ये कोई आंदोलन कारी नहीं कोई दंगाई हो। चिराग पासवान ने मौत पर शोक व्यक्त करते हुए बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा ।
शिक्षक भर्ती नीति सहित विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पार्टी के एक नेता की पुलिस लाठीचार्ज के दौरान घायल होने के बाद मौत हो गई, जब पार्टी कार्यकर्ता आज राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान बिहार विधानसभा तक मार्च कर रहे थे। पुलिस ने कथित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को बिहार विधानसभा तक मार्च करने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, पानी की बौछारें कीं। भाजपा कार्यकर्ता संशोधित शिक्षक भर्ती नीति सहित विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
बीजेपी कार्यकर्ता विजय सिंह की मौत पर शोक व्यक्त
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के प्रमुख चिराग पासवान ने मौत पर शोक व्यक्त करते हुए बिहार सरकार और सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा और उन्हें इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया। मैं अपनी पार्टी की ओर से बीजेपी कार्यकर्ता विजय सिंह की मौत पर शोक व्यक्त करता हूं… मैं नीतीश कुमार और बिहार सरकार से भी पूछना चाहता हूं कि उनकी मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। किसी को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला गया… वो जो लोग राज्य सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हैं उन्हें लाठी से चुप करा दिया जाता है…सीएम को जवाब देना चाहिए, वह इस मौत के लिए जिम्मेदार हैं।