पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आई. पी. सी,सी. आर. पी. सी औऱ आई. ई. सी में प्रस्तावित बदलाव का स्वागत करते हुए कहा है कि स्वावलंबी भारत बनाने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी कदम है।उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है।
सिन्हा ने कहा कि 150 वर्षों से देश की न्याय व्यवस्था इन पुराने कानूनों के बोझ तले दबी थी। न्याय मिलने में तीन तीन पीढ़ियों को प्रतीक्षा करनी पड़ती थी।इन जटिल और अस्पस्ट विधानों में दोषियों को सजा देने और निर्दोषों को वरी करने में न्याय व्यवस्था के समक्ष भी परेशानी का अंबार लगा रहता था।तारीख पर तारीख को लेकर कई फिल्में भी बनाई जा चुकी हैं।नयी व्यवस्था लागू होने पर इन सब परेशानियों से लोगों को मुक्ति मिलेगी।
सिन्हा ने कहा कि गुलामी की सभी निशानियों को हटाने में एकमात्र भाजपा ही सक्षम है।कांग्रेस पार्टी ने देश में 55 वर्षों से अधिक समय तक राज करने के वावजूद इन कानूनों में बदलाव के वारे में नहीं सोचा।वे आज भी राजद्रोह जैसे कानून के पक्षधर हैं जबकि देश में लोकतंत्र है।गरीबों को तेजी से न्याय मिले, उनकी प्राथमिकता में नहीं था।विपक्षी गठबंधन में भ्रष्टाचारी नेताओं की संख्या अधिक है।इसलिए उनको ऐसी न्याय व्यवस्था चाहिए जिसमें अधिक से अधिक समय लगे औऱ उनपर कानूनी शिकंजा नहीं कसे।
सिन्हा ने कहा कि इन बदलावों के बाद आमजनों को पुलिस के मनमानी रबैया से राहत मिलेगी।समय सीमा तय हो जाने पर लोगों को कोर्ट कचहरी के अनावश्यक चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी। सिन्हा ने कहा कि पूर्व में 2020 भारत सरकार ने सैकड़ों श्रम कानूनों में सुधार औऱ बदलाव कर एक समेकित श्रम संहिता का निर्माण किया था जो देश के श्रमिकों के लिये मील का पत्थर साबित हुआ है।फैक्टरी में हड़ताल, तालाबंदी औऱ अनुपस्थिति बंद हो गई और उत्पादकता बढ़ गई जिसके कारण श्रमिकों के भुगतान में भी एकरूपता और निरंतरता बढ़ी है।