किसानो के लिए राज्यस्तरीय आन्दोलन चलायेगी प्रसपा - Punjab Kesari
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किसानो के लिए राज्यस्तरीय आन्दोलन चलायेगी प्रसपा

ध्यान में रखते हुए गांव के किसानों, बेरोजगार नौजवानों , गरीब मजदूरों एवं सभी तबके के लोगों का

पटना : देश के पूर्व प्रधानमंत्री, किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह के 117वें जन्म तिथि पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लो) के द्वारा किसान दिवस के अवसर पर पार्टी मुख्यालय, पटना में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता प्रसपा (लो) के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक सिद्वनाथ राय ने की। बिहार के किसानों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। राज्य में किसानों की जर्जर स्थिति की देखते हुए पार्टी आने वाले दिनों में राज्यस्तरीय आन्दोलन चलायेगी।

बाणसागर समझौता के बाद भी सोन के पानी के बंटवारे में बिहार के किसानों के प्रति उपेक्षापूर्ण नीति से सोन अंचल के लगभग 32 हजार हेक्टेयर की खेती प्रतिवर्ष सिंचाई के अभाव में सुखाड़ की शिकार हो जाती है। साथ ही टाल क्षेत्र के किसानों की स्थिति भी सिंचाई के अभाव में प्रतिवर्ष दम तोड़ देती है। सीमांचल के किसानों की मक्का की खेती भी अप्रसंस्कृत बीजों के कारण फसलों में दाना नहीं निकलने से हजारों एकड़ मक्का की फसल बर्बाद हुई , जिसके मुआवजे की घोषणा सरकार ने कर दी लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला। यही नहीं , उत्तर बिहार के बाढग़्रस्त किसानों के उपर भी प्रतिवर्ष प्राकृतिक कहर झेलने का नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है।

पाटी के बिहार प्रभारी राजेश सिंह ने कहा कि सरकार की सारी घोषणाएं फाइलों तक सीमित रहती है और भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था के कारण उसे अमलीजामा नहीं पहनाया जाता है जिससे किसान अपने फसलों को निर्धारित मूल्य से कम पर बिचौलियों के हाथों औने-पौने दाम में बेचकर अपनी खेती और परिवार की परवरिश करते हैं। राज्य के किसानों को उचित समय पर और सही दाम पर उर्वरक नहीं मिलने से कालाबाजारी में खाद खरीदना पड़ता है।

श्री सिंह ने बताया कि प्रसपा (लो0) की ओर से राज्य के 38 जिलों में सघन दौरा कर किसानों की समस्याओं पर एक समेकित मांग पत्र तैयार किया जाएगा जिसे बिहार के महामहिम राज्यपाल, माननीय मुख्यमंत्री एवं केन्द्र सरकार को समर्पित किया जाएगा। अन्य राज्यों की तरह कर्ज में डुबे बिहार की किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए लघु एवं सीमान्त किसानों के कर्जमाफी करने की मांग सम्मेलन में की गई।

किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि जबतक गांव के किसानेां की आर्थिक स्थिति में सुधारा नहीं जाता, तबतक एक सशक्त एवं मजूबत भारत का निर्माण संभव नहीं है। भारत की आत्मा गांवों में बसती है इसे ध्यान में रखते हुए गांव के किसानों, बेरोजगार नौजवानों , गरीब मजदूरों एवं सभी तबके के लोगों का विकास मात्र कृषि की उन्नत व्यवस्था पर निर्भर है।

पार्टी के सम्मेलन में पूरे प्रदेश के जिलाध्यक्षों, प्रदेश पदाधिकारियों एवं संगठन से जुड़े महत्वपूर्ण नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में उपस्थिति नेताओं में संदीप कुमार उर्फ बब्लू, रविन्द्र सिंह, मुन्ना कुमार, अमन यादव, कमला कुमारी, सुनील कुमार, षिवजी पासवान, गुल्ली पासवान, मो. हुसैन, प्रो. वसीम हसन, सुभाष यादव, अषोक सिंह, अरविन्द कुमार और ओ. पी. राय आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

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