बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आरजेडी की दावत-ए-इफ्तार में शामिल होने सियासी गलियारे में हलचल का दौर शुरू हो गया। माना जा रहा है कि बोचहां उपचुनाव में राजद को मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश का इस पार्टी में शामिल होना बीजेपी को सन्देश देने की कोशिश है। इस बीच तेजप्रताप ने एक बार फिर राज्य में सरकार बनाने का दावा किया है। वहीं मुख्यमंत्री ने अटकलों पर कहा कि इसका राजनीति से क्या संबंध है?
इफ्तार पार्टीका राजनीति से क्या संबंध है?
राबड़ी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी में शामिल होने पर मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि ऐसी इफ्तार पार्टियों में कई लोगों को न्योता भेजा जाता है। इसका राजनीति से क्या संबंध है? हम एक इफ्तार पार्टी भी रखते हैं और इसमें सभी को आमंत्रित करते हैं। वहीं तेजप्रताप यादव से जब सीएम नीतीश कुमार के इफ्तार पार्टी में शामिल होने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि बिहार में खेल होगा।
हम बिहार में सरकार बनाएंगे………..
उन्होंने कहा कि राजनीति में उथल-पुथल होती रहती है। खुद को बिहार की राजनीति का कृष्ण बताते हुए तेजप्रताप ने कहा है कि मैंने तो पहले ही तेजस्वी को अर्जुन घोषित कर दिया है। बिहार में हम सरकार बनाएंगे। तेज प्रताप ने बताया कि पहले हमने नो एंट्री का बोर्ड लगाया था लेकिन रामनवमी पर मैंने अपने ट्वीट में एंट्री नीतीश चाचा लिखा और आज वो यहां आए। तेजप्रताप ने दावा करते हुए कहा है कि आज नीतीश कुमार के साथ सियासी बातचीत हुई है।
क्या संकेत देगी सियासी इफ्तार
बता दें कि वर्ष 2015 में लालू-नीतीश ने मिलकर राज्य में चुनाव लड़ा था और नीतीश के नेतृत्व में सरकार बनी थी। तब तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि बाद में अनबन होने के बाद नीतीश कुमार बीजेपी के साथ चले गए। उसके पहले नीतीश कुमार का लालू यादव के साथ दही-चुड़ा खाने की तस्वीर सामने आई थी। लालू से अलग होकर बीजेपी से मिलने के बाद नीतीश कुमार का राबड़ी आवास में जाना नहीं हुआ था। कई वर्षों के बाद नीतीश कुमार अब इफ्तार के बहाने राबड़ी आवास जा रहे हैं। इस बार न सिर्फ नीतीश कुमार बल्कि चिराग पासवान सहित कई अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए। यह सियासी इफ्तार बिहार की राजनीति में कई नए संकेत दे सकते हैं।