भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि दिल्ली में महागठबंधन के लोग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नहीं पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि यह अजीब है क्योंकि अगर लोग पहले से ही किसी अन्य महत्वपूर्ण नेता से मिल रहे हैं तो वे नीतीश कुमार से मिलना नहीं चाहेंगे। नेता ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन देश के लोगों को एहसास हो गया है कि अब उन्हें बिहार में ज्यादा समर्थन नहीं है। यहां तक कि कांग्रेस, केजरीवाल और अखिलेश यादव जैसे अन्य राजनीतिक नेता भी इस बात को समझ गए हैं, इसलिए यह संभावना नहीं है कि कोई भी बिहार के मुख्यमंत्री से मिलना चाहेगा।
बिहार बनाने को लेकर आगे बढ़ रही है
एक प्रश्न के उत्तर में चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे। मेरा आग्रह है कि नीतीश कुमार को याद रखें। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा राजनीतिक तौर से नीतीश मुक्त बिहार बनाने को लेकर आगे बढ़ रही है। शिक्षकों को बोरा बेचे जाने के शिक्षा विभाग के निर्देश पर चौधरी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि पढ़ाई छोड़कर शिक्षकों से सभी काम करवाया जाए।
नीतीश कुमार शराब बेचवाए – चौधरी
उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना करवाया जाए, बोरा बेचवाया जाए, यहां तक कि शराब खोजवाई जाए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नीतीश कुमार शराब बेचवाए और शिक्षक शराब खोजें। ऐसे निर्देशों के बाद नीतीश कुमार के पास नैतिक अधिकार नहीं है कि वे सीएम की कुर्सी पर रहें।
नीतीश जब दिल्ली गये थे
इससे पहले दिल्ली से पटना लौटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ निजी कार्य से वे दिल्ली गए थे। उनका विपक्षी नेताओं से मुलाकात का कोई कार्यक्रम था ही नहीं। बुधवार को नीतीश जब दिल्ली गये थे तब कहा गया था कि वे वहां अरविंद केजरीवाल के अलावा कांग्रेस नेताओं से मुलाकात करेंगे।
इसके बाद गुरुवार को नीतीश वापस पटना लौट गए।