बिहार की राजनीति एक बार फिर ऐसा मुद्दा उछला है, जिसने उथल-पुथल मचा दी है। नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर विपक्ष सरकार पर लगातार निशाना साध रहा है। इस बीच राजद के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्यकाल में विकास को लेकर फिर से सवाल उठाए हैं।
तेजस्वी ने नीतीश पर निशाना साधा
हमेंशा भूतकाल में डूबे रहने वाले मुख्यमंत्री को भविष्य, वर्तमान एवं अपने सुशासनी भूत के 16 वर्षों का आँकलन अवश्य करना चाहिए कि उन्होंने बिहार को सबसे फिसड्डी राज्य क्यों बनाया हुआ है?जो अपनी गलती ही स्वीकार नहीं करेगा वह उन ख़ामियों को दूर कैसे करेगा?https://t.co/UY4YLXDMHM pic.twitter.com/QEi3Z6p7NA— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 27, 2021
तेजस्वी ने शनिवार एक बयान जारी कर तंज कसते हुए सवालिया लहजे में कहा कि वर्तमान के आंकड़ों के साथ भविष्य, वर्तमान एवं अपने भूत के 16 वर्षों का आकलन अवश्य करना चाहिए कि उन्होंने उदारीकरण के बाद भी बिहार को सबसे फिसड्डी राज्य क्यों बनाया हुआ है? स्वास्थ्य सहित कई मामलों के सूचकांक में बिहार के नीचे आने पर राजद के नेता ने सरकार पर निशाना साधा है।
नीतीश कुमार और भाजपा सभी रिपोर्ट को सही नहीं बता रहे
तेजस्वी ने शनिवार को एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि देश-विदेश के सभी प्रतिष्ठित मूल्यांकन व मानक संस्थानों जैसे नीति आयोग, कैग, एनसीआरबी सहित कई संगठनों ने बिहार की बदहाल शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून व्यवस्था, गरीबी, बेरोजगारी, शराबबंदी, भ्रष्टाचार, पलायन, प्रदूषण, विकास सहित अनेक सूचकांकों से संबंधित वैज्ञानिक आधारित शोध रिपोर्ट्स पेश की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा सभी रिपोर्ट को सही नहीं बता रहे।
रिपोर्ट्स झूठी हैं और उनकी मुंह जुबानी वाली रिपोर्ट्स ही शास्वत सत्य है
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि रिपोर्ट्स झूठी हैं और केवल और केवल वो और उनकी मुंह जुबानी वाली रिपोर्ट्स ही शास्वत सत्य है। तेजस्वी ने कहा कि डबल इंजन सरकार की मानक संस्थाएं ही आंकड़ों और साक्ष्य सहित इनकी 16 वर्षों की विफलता एवं कागजी विकास को आइने में दिखा रही है। उन्होंने कहा कि यह विपक्ष के नहीं आपकी सरकार और उनकी एजेंसियों के ही आंकड़े हैं।
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उन्होंने कहा, जो अपनी गलती ही स्वीकार नहीं करेगा वह उन खामियों को दूर कैसे करेगा? यादव ने तंज कसते हुए आगे कहा, 30-40 वर्ष के भूतकाल में डूबे रहने वाले मुखिया को वर्तमान के आंकड़ों के साथ भविष्य, वर्तमान एवं अपने भूत के 16 वर्षों का आंकलन अवश्य करना चाहिए कि उन्होंने उदारीकरण के बाद भी बिहार को सबसे फिसड्डी राज्य क्यों बनाया हुआ है?