दिल्ली भारत की राजधानी के साथ सियासत का केंद्र भी है। यहाँ राजनीतिक लोगो के मुलाकातों से लेकर आना भर भी सियासी गलियारो में खलबली मचा देता है। लोकसभा चुनाव करीब है , लिहाजा दिल्ली की सड़को पर सियासतदारो का आना जाना लगा रहेगा। कुछ दौरे साधारण होंगे तो कुछ मुलाकात 2024 के परिणाम भी बदल सकती है। बिहार के मुख्य मंत्री नितीश कुमार का दिल्ली दौरा और उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई को उनकी समाधि पर श्रद्धांजलि देना सियासत की दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ। जिस पर नितीश कुमार ने जवाब दिया।
किसी भी प्रकार की राजनीतिक मुलाकात को सिरे से किया ख़ारिज
नितीश कुमार गुरवार को पटना पहुंचे वहा उन्होंने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा वह मेडिकल चेकउप के लिए दिल्ली गए थे। जहा उन्होंने आँख की सर्जरी कराई। जब उनसे अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने के विषय पूछा गया तो उन्होंने इस बात को सिरे से नकार दिया। नीतीश के दिल्ली दौरे के दौरान कयास लगाए जा रहे थे की वह दिल्ली के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर सकते है। लेकिन इस दौरन नीतीश ने कोई भी राजनीतिक मुलाकात नहीं की और ना किसी राजनीतिक नेता से मिले
अटल जी उन्हें खूब मानते थे
नीतीश कहते है कि मालूम नहीं यह यह खबर कहां से आ गई कि वह विपक्षी दल के नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उन लोगों से हमारी लगातार बात होती रहती है। नीतीश ने दिल्ली दौरे के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई की समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। नीतीश ने कहा कि अटलजी को श्रद्धांजलि देना मकसद था। नीतीश ने दिवंगत अटल बिहारी वाजपेई के साथ अपने संबंधों को याद करते हुए कहा कि अटल जी उन्हें खूब मानते थे। जब वह पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तभी हमने कहा था कि उनके नाम में बिहारी जुड़ा हुआ है।