एनएच-139 के फोरलेन निर्माण की योजना अधर में लटक गई है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दो साल पहले इसका ऐलान किया था, जिससे पटना से गया की दूरी घटकर दो घंटे हो जाती। लेकिन एनएचएआई ने इसे फिलहाल रोक दिया है, क्योंकि सासाराम से पटना के बीच पहले से एक फोरलेन सड़क बनाई जा रही है।
दो साल पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार के गया में एक कार्यक्रम के दौरान एनएच-139 को फोरलेन बनाने का ऐलान किया था। यह सड़क झारखंड बॉर्डर के संडा से पटना तक जाती है और इसे चौड़ा करने के लिए 5500 करोड़ रुपये की स्वीकृति की बात कही गई थी। अगर यह परियोजना पूरी हो जाती, तो औरंगाबाद से पटना की दूरी महज दो घंटे में तय की जा सकती थी, जिससे लोगों को जाम से राहत मिलती और सफर सुगम होता। लेकिन अब यह योजना अधर में लटक गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने फिलहाल इसे फोरलेन बनाने से इनकार कर दिया है। वजह यह बताई गई है कि सासाराम से पटना के बीच पहले से एक फोरलेन सड़क बनाई जा रही है और समानांतर किसी दूसरी फोरलेन की जरूरत नहीं है। ऐसे में भारी वाहनों का दबाव एनएच-139 से हटकर उस सड़क पर चला जाएगा, जिससे यह परियोजना अब ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है।
खतरनाक हालात: जर्जर सड़क, भारी ट्रैफिक और बढ़ते हादसे
एनएच-139 पटना से झारखंड के डाल्टनगंज को जोड़ता है और छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से भी संपर्क स्थापित करता है। यह सड़क रोजाना 10,000 से अधिक वाहनों का दबाव झेलती है, बावजूद इसके इसका चौड़ीकरण नहीं किया जा रहा। वर्तमान में यह सड़क सात मीटर चौड़ी है, कुछ जगहों पर दस मीटर तक की है, जो भारी ट्रैफिक के लिए अपर्याप्त है। सुरक्षा इंतज़ाम भी बेहद कमजोर हैं। ब्लैक स्पॉट जैसे चतरा मोड़, कारा मोड़, अरंडा आदि पर ना तो साइन बोर्ड हैं और ना ही कोई सुरक्षा उपाय। जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच यहां 158 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 128 लोगों की जान गई।
एनएचएआई ने फोरलेन की जगह ग्रीनफील्ड बाइपास पर किया फोकस
एनएचएआई अब औरंगाबाद, दाउदनगर और अरवल में ग्रीनफील्ड बाइपास बनाने की योजना पर काम कर रहा है। औरंगाबाद शहरी क्षेत्र में करीब 12 किलोमीटर लंबा बाइपास बनेगा जो एनएच-139 से जुड़कर जीटी रोड को पार करेगा। हालांकि, अंबा और ओबरा जैसे बाजार क्षेत्रों में एलिवेटेड रोड का प्रस्ताव एनएचएआई ने अस्वीकृत कर दिया है। डीपीआर में इन क्षेत्रों में एलिवेटेड सड़क का प्रस्ताव बनाकर नई दिल्ली भेजा गया था, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ।
नितिन गडकरी ने NHAI चेयरमैन, टोल ऑपरेटरों को दिया निर्देश,कहा- प्रवासी श्रमिकों को उपलब्ध कराएं भोजन और पानी
सड़क मरम्मत के लिए 62 करोड़ की योजना, लेकिन समाधान अधूरा
औरंगाबाद से अरवल और हरिहरगंज तक एनएच-139 की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। सड़क में पड़े गड्ढों को भरने और एक नई लेयर बिछाने के लिए 62 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि यह केवल एक अस्थायी समाधान है—जब तक सड़क को फोरलेन नहीं किया जाता, ट्रैफिक और हादसों की समस्या बरकरार रहेगी।