डब्ल्यूपीओ का मुख्यालय बिहार से हटाना मोदी सरकार का बिहार विरोधी फैसला - Punjab Kesari
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डब्ल्यूपीओ का मुख्यालय बिहार से हटाना मोदी सरकार का बिहार विरोधी फैसला

पटना : केंद्र की भाजपा सरकार लगातार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। ये बातें बिहार

पटना : केंद्र की भाजपा सरकार लगातार बिहार के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। ये बातें बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कही। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जीएसटी में बिहार की हिस्सेदारी हो चाहे केंद्रीय कोटे से मिलने वाली बिजली बिहार की लगातार उपेक्षा हो रही है। केंद्रीय योजनाओं में भी बिहार को पूरी हिस्सेदारी नहीं मिल रही है। बिहार का इतना बड़ा नुक़सान करने वाली मोदी सरकार एक बार फिर बिहारियों का रोजगार छीन रही है। भारतीय रेल के अलग-अलग कारखानों के निर्माण और आधुनिकीकरण में बड़ी भूमिका निभाने वाले कारखाना परियोजना संगठन (डब्ल्यूपीओ) का मुख्यालय बिहार से हटा कर बिहारियों का रोजगार छीनने वाली मोदी सरकार को बिहार के लोग कभी माफ नहीं करेंगे। मोदी सरकार के इस फैसले से राज्य को सालाना 50 करोड़ रुपए से अधिक का जीएसटी नुकसान होगा। इससे जीएसटी में राज्य की हिस्सेदारी घटेगी और राजस्व का बड़ा नुक़सान होगा। भाजपा ने बिहार को अपना दुश्मन राज्य मान लिया है और बदले की भावना से केंद्र सरकार फैसले ले रही है। ये बिहार के हक़ की लड़ाई है। बिहार कांग्रेस इस मसले पर चुप नहीं बैठने वाली।

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