लॉकडाउन से मध्यमवर्गीय परिवार सबसे ज्यादा पीड़ित: मंजुबाला पाठक - Punjab Kesari
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लॉकडाउन से मध्यमवर्गीय परिवार सबसे ज्यादा पीड़ित: मंजुबाला पाठक

लॉकडाउन का समर्थन करते हुए बिहार महिला कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष मंजुबाला पाठक ने देश में लॉकडाउन की

बेतिया : देश इस वक्त कोरोना के संकट से जूझ रहा है। वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया है। लॉकडाउन का समर्थन करते हुए बिहार महिला कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष मंजुबाला पाठक ने देश में लॉकडाउन की अवधी बढ़ाये जाने को जनहित में सही ठहराया। उन्होंने कहा कि परन्तु हमारे समाज में मध्यमवगीर्य परिवार है जो इस महामारी में सबसे ज्यादा पीड़ित है। 
देश में मध्यमवर्गीय परिवार की संख्या काफी ज्यादा है, और देश के संसाधन संरक्षण, उत्पादकता और श्रम में योगदान है। चूंकि उपरोक्त सब चीजें इस लॉकडाउन में बंद है तो मध्यम परिवार जो इसके कामगार है या कही ना कही इससे जुड़ा है और वो सरकार द्वारा किसी योजना का लाभ उसे नहीं मिल रहा है उसकी माली दयनीय हो गई है। ये समाज ना तो किसी से मुफ्त राशन की मांग कर सकता है ना ही किसी लोक कल्याणकारी संस्था से उसको लाभ मिल रहा हैं। राजनीतिक दलों के सहानुभूति लिस्ट में ये नहीं है। इनके घर के बच्चों, महिलाओं की स्थिति भी दिनों दिन खराब हो रहीं है।
ये वर्ग स्वाभिमानी वर्ग है और भारत की सांस्कृतिक, सामाजिक और तार्किक आधारभूत संरचना है। इसको मदद करने से देश और समाज का बड़ा वर्ग लाभान्वित होगा। भारत सरकार और राज्य सरकार से निवेदन है कि मध्यम वर्ग के लिए कल्याणार्थ फंड की घोषणा करें। आज मध्यम परिवार में बहुत ऐसे परिवार है जो बहुत कष्ट में है और उनको भोजन में बहुत परेशानी हो रही है। साथ ही वो मध्यम वर्ग संकीर्ण मानसिकता का शिकार हो रहे हैं। मध्यम परिवार का नाखुश होना देश की आत्मीय और सांस्कृतिक खुशी के लिए नुकसानदेह है। मंजुबाला पाठक ने कहा कि मैं सरकार से मांग करती हूं कि जो मध्यम परिवार पीड़ित है उनके लिए फंड जारी किया जाए और सरकार की योजनाओं में इनको लाभार्थी बनाएं।

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