बिहार : कृषि कानून के विरोध में महागठबंधन ने बनाई मानव श्रृंखला, किसान रहे नदारद - Punjab Kesari
Girl in a jacket

बिहार : कृषि कानून के विरोध में महागठबंधन ने बनाई मानव श्रृंखला, किसान रहे नदारद

केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में शनिवार को बिहार में

केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में शनिवार को बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन ने मानव श्रृंखला बनाई। इस दौरान महागठबंधन के नेता एक-दूसरे के हाथ में हाथ थामे राजधानी के विभिन्न इलाकों में खड़े रहे। हालांकि किसान नदारद रहे। कई जिला मुख्यालयों में भी मानव श्रृंखला बनाकर किसान के आंदोलन का समर्थन किया गया।
महागठबंधन के प्रमुख घटक दल राजद के नेता तेजस्वी यादव पटना स्टेशन के समीप बुद्ध स्मृति पार्क के पास मानव श्रृंखला में शामिल हुए, जबकि कांग्रेस के नेता पार्टी के प्रदेश कार्यालय के आगे सड़कों पर मानव श्रृंखला बनाई। तेजस्वी यादव ने मानव श्रृंखला को सफल होने का दावा करते हुए कहा कि, राज्य के कई इलाकों से खबर आई है कि इस ठंड के मौसम में भी लोग सड़कों पर निकले और मानव श्रृंखला में भागीदारी निभाई।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन प्राारंभ से ही किसानों के साथ खड़ा है और तब तक खड़ा रहेगा जब तक यह कानूून वापस नहीं हो जाता। यादव ने कहा कि बिहार में मंडी व्यवस्था फिर से लागू करने की मांग करते हुए कहा कि यहां किसानों की हालत और खराब है। उन्होंने कहा, “केंद्र नये कृषि कानून वापस ले ले और नीतीश कुमार बिहार में किसानों के लिए बाजार समिति और मंडी सिस्टम को चालू करें। जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होती हैं आंदोलन जारी रहेगा।”
तेजस्वी यादव ने कहा कि केंद्र सरकार इसलिए कृषि कानून वापस नहीं ले रही है, क्योंकि वह पूंजीपतियों के साथ है। यादव ने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न जिलों में भी महागठबंधन के नेताओं द्वारा मानव श्रंखला बनाई गई। इसस मानव श्रृंखला का आह्वान कांग्रेस, राजद और वाामपंथी दलों के नेताओं ने किया था।

महागठबंधन के मानव श्रृंखला पर CM नीतीश का तंज- ‘अहमियत तो समझ में आई’ 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 × 5 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।