विपक्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी में युद्ध स्तर पर जुट गया है। बीते कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावो में भाजपा को बढ़त मिली वही दूसरी ओर दो राज्यों में कांग्रेस पार्टी को भी संजीवनी मिली ऐसे में कांग्रेस और अन्य दल मिलकर केंद्र की भाजपा के खिलाफ एक विपक्ष का चेहरा बना रहे है। बिहार में हुई विपक्ष की बैठक ने राजनीति के गलयारो में गर्मी पैदा कर दी जिसके बाद विपक्ष उत्साहित दिख रहा है। उत्साह की वजह ये भी जिन लोगो के विपक्ष से दूर रहने की खबरे आ रही थी वो सब विपक्ष की बैठक में दिखे। बिहार के उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि ये बैठक फासीवादी ताकतों के खिलाफ है।
हम जनता की मांग पर एकजुट हुए
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता बनाने के लिए शुक्रवार को विपक्ष की बैठक बुलाई गई थी. डिप्टी सीएम ने कहा, “विपक्ष की बैठक में कश्मीर से कन्याकुमारी तक के नेता मौजूद थे। हमने फासीवादी ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने का फैसला किया है।उन्होंने आगे कहा कि हम जनता की मांग पर एकजुट हुए हैं. यह जनता का चुनाव है।
साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला
आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विषय में सवाल का जवाब देते हुए कहा कोई भी नाराज नहीं है और बैठक सार्थक रही। बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-यूनाइटेड नेता नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि विपक्षी दलों की पटना में ‘अच्छी बैठक’ हुई और साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है।पटना में बिहार मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर ही बैठक में 15 से अधिक विपक्षी दलों ने भाग लिया।
विपक्ष की अगली बैठक शिमला में
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की कि विपक्षी दलों की अगली बैठक अगले महीने शिमला में होगी।पटना में बैठक के बाद खड़गे ने कहा, “2024 में बीजेपी से लड़ने के लिए अपने-अपने राज्यों में काम करते हुए एक साथ कैसे आगे बढ़ना है, इस पर एजेंडा तैयार करने के लिए हम जुलाई में शिमला में फिर से मिलेंगे।”