जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के खुले पत्र पर पलटवार करते हुए आज कहा कि ‘लालटेन’ (राजद का चुनाव चिह्न) की पहचान ही भ्रष्टाचार और जंगलराज की है जबकि जदयू का ‘तीर’ भ्रष्टाचार मिटाने वाला है। पार्टी प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने राजद सुप्रीमों के पत्र पर पलटवार करते हुए उन्हें संबोधित करते हुए एक जवाबी पत्र लिखा है।
जदयू नेता ने लालू यादव को लिखे पत्र को मीडिया में जारी करते हुए लिखा, ‘‘आशा है कि आपकी तबियत ठीक होगी। आप इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की जेल में कैदी नंबर 3351 बनकर रह रहे हैं, ऐसे में शायद आपको ‘लालटेन’ नहीं दिखाई दे रहा होगा, क्योंकि वहां बिजली है।’’ श्री कुमार ने आगे लिखा, ‘‘आप आज भी क्यों बिहार को ‘लालटेन’ युग में ही रखना चाहते हैं, बिहार बहुत आगे बढ़ गया है। आप सच कह रहे हैं कि यह मिसाइल का युग है, ऐसे में आप लालटेन को लेकर कहां बिहार के लोगों को बरगला रहे हैं। ऐसे भी बिहार में ‘लालटेन’ की पहचान भ्रष्टाचार, अवैध संपत्ति अर्जित करना, उन्माद, जंगलराज की बनकर रह गई है।
प्रारंभ से ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रतिबद्धता ‘लालटेन’ हटाकर राज्य में रोशनी फैलाने की रही है। ‘लालटेन’ की कम रोशनी में राज्य में पूरी तरह उजाला नहीं हो सकता था, यही कारण है कि गांव-गांव बिजली पहुंचाई गई। गांवों में अब नरसंहार नहीं विकास के कार्य हो रहे हैं।’’ जदयू नेता ने तंज कसते हुए कहा,‘‘ ‘तीर’ का प्रयोग तो त्रेता युग से लेकर द्वापर युग तक में भ्रष्टाचारियों, दुराचारियों और राक्षसी प्रवृत्ति वाले लोगों के विनाश के लिए होता रहा है।
कलयुग में भी बिहार के लोग इसे लेकर ही ऐसी प्रवत्तियों के विनाश करने के लिए आगे चल पड़ हैं।’’ इससे पूर्व राजद अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फेसबुक पर एक पत्र पोस्ट कर राजद के चुनाव चिह्न ‘लालटेन’ को अंधेरा हटाने वाला जबकि जदयू के ‘तीर’ को हिंसा का पर्याय बताया था। उल्लेखनीय है कि श्री यादव इन दिनों चारा घोटाले के कई मामलों में रांची की एक जेल में सजा काट रहे हैं। स्वास्थ्य कारणों से वे रांची के एक अस्पताल में भर्ती हैं।