बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर नेताओं के बीच आरोप -प्रत्यारोप चरम पर पहुंच गया है। इस बीच, शनिवार को जदयू ने राजद के शासनकाल में फिरौती के लिए अपहरण को लेकर तेजस्वी यादव और कांग्रेस को घेरा और इसके लिए श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।
पटना में राजग के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा, ‘वर्ष 1990 से 2005 के बीच तीन नवंबर को होने वाले चुनाव के विधानसभा क्षेत्रों में 3091 लोगों का अपहरण हुआ था, उसका गुनहगार कौन है? उसके हिस्सेदार कौन हैं?’
जदयू नेता नीरज कुमार ने सवालिया लहजे में पूछा, ‘उस दौर में फिरौती के लिए जो अपहरण होता था, वह उद्योग के रूप में कैसे आया था? उसमें कौन-कौन भागीदार था, यह बिहार की जनता को बताना चाहिए।’उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तब मुख्यमंत्री से कार्रवाई के लिए ‘ऑपरेशन ब्लैक पैंथर’ चलाने को कहा था। कांग्रेस के लोगों को बताना चाहिए कि उसका परिणाम क्या निकला?
उन्होंने उस शासनकाल में कितने अपराधियों को सजा हुई थी, यह भी विरोधियों से पूछा है। बिहार के मंत्री ने कहा, ‘तेजस्वी यादव विपक्ष के साथ मिलकर जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लोगों के बीच भ्रमजाल पैदा कर रहे हैं। तेजस्वी की राजनीति का जो डीएनए हैं वो 420 का है, इनके पिता इसी के लिए सजा काट रहे हैं। तेजस्वी पर भी 420 का आरोप है।’