बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू और आरजेडी में तकरार बढ़ गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं। तेजस्वी ने हाल ही में एक वीडियो पोस्ट कर उन पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगा दिया है। तेजस्वी के साथ आरजेडी नेताओं ने शुक्रवार को नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। हाथ में तरह-तरह के बैनर लिए आरजेडी नेताओं ने नीतीश कुमार से माफी मांगने की मांग की। आरजेडी नेताओं के इस प्रदर्शन पर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी जवाब दिया है।
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जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि इस सदन में अराजकता की स्थिति पैदा करना उनकी कार्यशैली का हिस्सा हो सकता है। खासकर आज विधान परिषद सत्र के दौरान कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा और प्रश्नकाल होना था। लेकिन उन्होंने जानबूझकर इसे बाधित किया- यह उनका मुद्दा है। उन्होंने पूर्व सीएम राबड़ी देवी पर निशाना साधते हुए कहा कि अपराध छुप नहीं सकता है।
इसीलिए आज विधान परिषद में आपकी आवाज बंद हो गई। आपने अपराध किया है और वो अपराध स्पष्ट है जब 26 जनवरी 2002 को पटना के गांधी मैदान में राष्ट्रगान चल रहा था, मार्च-पास्ट चल रहा था, लोग खड़े थे और लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी बैठे हुए थे। क्या यह राष्ट्रगान का अपमान नहीं है। नीरज कुमार ने आगे दावा करते हुए कहा कि 15 अगस्त 1997 में गांधी मैदान में लालू प्रसाद यादव ने उल्टा राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। नीतीश कुमार तो स्वतंत्रता सेनानी के पुत्र हैं, उन्होंने राष्ट्रगान का अपमान नहीं किया। वह राष्ट्रगान के दौरान बैठे नहीं थे।
बता दें कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “कम से कम राष्ट्र गान का तो अपमान मत करिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। युवा, छात्र, महिला और बुजुर्गों को तो आप प्रतिदिन अपमानित करते ही हैं। कभी महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर ताली बजा उनकी शहादत का मखौल उड़ाते है तो कभी राष्ट्रगान का। आपको याद दिला दें कि आप एक बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री है। चंद सेकंड के लिए भी आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्थिर नहीं है और आपका इस तरह अचेत अवस्था में इस पद पर बने रहना प्रदेश के लिए अति चिंताजनक बात है। बिहार को बार-बार यूं अपमानित मत कीजिए।