नीतीश कुमार की सरकार में मुद्दे उछाले नहीं हल होते हैं : जदयू - Punjab Kesari
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नीतीश कुमार की सरकार में मुद्दे उछाले नहीं हल होते हैं : जदयू

जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जदयू के प्रदेश प्रवक्ता पूर्व विधान पार्षद डाॅ रणवीर नंदन एवं

पटना,(पंजाब केसरी): जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में जदयू के प्रदेश प्रवक्ता पूर्व विधान पार्षद डाॅ रणवीर नंदन एवं डाॅ सुनील कुमार सिंह ने कश्मीर मुद्दे पर प्रश्न पत्र में हुई गलती पर अपनी प्रतिक्रिया दी। दोनों नेता ने कहा कि गलती अपराध तब बनती है जब उसे माना न आए। किशनगंज में जो गलती हुई है सरकार ने न सिर्फ माना बल्कि उसके खिलाफ जांच का आदेश दिया है। कार्रवाई होगी। इस भूल पर भाजपा जिस तरह बिलबिला रही है, उससे तो ऐसा लग रहा है कि देश की सुरक्षा की चिंता सिर्फ भाजपा को है। जबकि भाजपा तो वैसा दल है जिसके रहते इस देश को बाहरी दुश्मनों की जरूरत ही नहीं भारत और भारतीयता के दुश्मन है भाजपा के नेता और भाजपा की राजनीति पूरे समाज को बांट दिया है। 12 प्रदेशों में भाजपा के सीएम हैं और 4 में भाजपा सहयोगी दल है। तो क्या बाकि राज्यों में देश के दुश्मन हो गए हैं। भाजपा जैसे इसी एक मुद्दे को ऐसे पेश कर रही है जैसे हमलोग अलग देश बना रहे हैं। प्रश्न में गड़बड़ी हुई है और पकड़ में आते ही इसके खिलाफ एक्शन शुरू हो गया है। वैसे भाजपा को पहले अपना गिरेबान ठीक से झांकना चाहिए क्योंकि ऐसी गलती तो भाजपा के शासित प्रदेशों में भी हो चुकी है। बापू की मौत को आत्महत्या बताया गया था। गोडसे का महिमामंडन भी बापू की जन्मधरती गुजरात में ही किया गया है। मध्य प्रदेश की सरकार ने बापू की जगह गैम्बलिंग शब्द लिख दिया था। कश्मीर को पाकिस्तान को सौंप देने का सवाल भी भाजपा शासित मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में पूछा जा चुका है। भाजपा के नेता खुद को देशभक्त साबित करते हुए इतना हड़बड़ा जाते हैं कि समझ ही नहीं आता कि क्या करें। लेकिन राष्ट्र के निर्माण के लिए जो आधारभूत ढांचा सामाजिक एकता का होता है, उसे तो भाजपा हर दिन, हर घंटे, हर पल खंडित कर रहे हैं।
 रैलियों से लेकर मीडिया पर बहस और आम मुलाकातों में भी भाजपा नेता बस समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। इस देश की एकता और संप्रभुता पर खतरा है भाजपा नीतीश कुमार से भाजपा नेता सीखें कि तमाम दुश्वारियों के बावजूद शासन कैसे किया जाता है, विकास कैसे किया जाता है, सीमित संसाधनों में कैसे विकास होता है, सामाजिक सद्भाव और साम्प्रदायिक सद्भाव कैसे स्थापित रखा जाता है। बिहार में भाजपा कभी अपनी साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दे ही नहीं पाई। जबकि उसका एकमात्र यही हथियार है। इसलिए कुलबुलाहट में उन मुद्दों को जबरन उठाने का प्रयास किया जा रहा है जो राज्य सरकार के स्तर पर हल कर दिए गए हैं या प्रक्रियाधीन। नीतीश कुमार की सरकार में मुद्दे उछाले नहीं हल होते हैं और जो किशनगंज में हुआ वो भी हल होने की प्रक्रिया में है। दोषी को सजा मिलेगी और अफवाह भाजपा नेताओं को एक बार फिर निराशा ही हाथ लगेगी। भाजपा कुछ भी कर ले दाल गलने वाली नहीं। भाजपा का बयान का नोटिश नहीं लेते।

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