नालंदा के मछवारों के लिए खुशखबरी, पीएम मत्स्य किसान योजना के तहत मिलेंगे 2 करोड़ - Punjab Kesari
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नालंदा के मछवारों के लिए खुशखबरी, पीएम मत्स्य किसान योजना के तहत मिलेंगे 2 करोड़

मत्स्य किसान योजना से नालंदा में मछवारों को प्रोत्साहन

बिहार के नालंदा जिले के मछुआरों के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य किसान योजना के तहत 2 करोड़ रुपए तक की आर्थिक सहायता की घोषणा की गई है। इस पहल से मत्स्य उत्पादन में वृद्धि होगी और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों को NFDP पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है।

बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने नालंदा जिले के मत्स्य पालकों के लिए एक अहम पहल की है। इसके तहत प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना (PM-MKSSY) के अंतर्गत मत्स्य पालकों, स्वयं सहायता समूहों, सहकारी समितियों और छोटे उद्यमियों को अब 35 प्रतिशत तक या अधिकतम 2 करोड़ रुपए तक का प्रदर्शन अनुदान मिलेगा। यह कदम राज्य में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने, प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करने और मछलियों की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस योजना के जरिए न केवल मछुआरों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। जिला मत्स्य पदाधिकारी-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने इस संबंध में एक सूचना जारी कर लाभार्थियों से जल्द आवेदन करने की अपील की है।

किन्हें मिलेगा योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ पारंपरिक मछुआरों के अलावा मत्स्य पालक किसान, मछली विक्रेता, सूक्ष्म और लघु स्तर पर कार्यरत मत्स्य उद्यम, सहकारी समितियां और इस क्षेत्र में काम कर रही निजी व सार्वजनिक कंपनियों को भी मिलेगा। उद्देश्य है असंगठित मत्स्य क्षेत्र को संगठित करना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना।

NFDP पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन से मिलेगा डिजिटल पहचान और 100 रुपए प्रोत्साहन

लाभार्थियों को योजना का लाभ उठाने के लिए राष्ट्रीय मत्स्य विकास पोर्टल (NFDP – nfdp.dof.gov.in) पर रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है। पंजीकरण प्रक्रिया बेहद सरल है और इसके लिए केवल आधार नंबर, आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण की आवश्यकता है।

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प्रशिक्षण और वित्तीय योजना में भी मिलेगी मदद

NFDP पोर्टल केवल रजिस्ट्रेशन का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मत्स्य पालकों और उनकी समितियों को प्रशिक्षण, वित्तीय जानकारी और योजना निर्माण में भी सहायता करता है। इससे मत्स्य क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और योजना लाभार्थियों तक सटीक रूप से पहुंचेगी।

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