पटना,(पंजाब केसरी): पूर्व सांसद डॉ मोनाजिर हसन ने संवाददाता सम्मेलन कर जद (यू) की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने का ऐलान किया। हसन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, जनता दल (यू) को अपना त्याग पत्र के माध्यम से भेज चुका हूँ ।मेरे इस्तीफा देने के पीछे मुख्य कारण है कि पार्टी अपने मूल सिधान्तो मे भटक गयी है और ऐसा प्रतीत होता है की पार्टी को हमारे जैसे निष्ठावान कार्यकर्ताओं की जरूरत ही नहीं है, चंद्र स्वार्थी लोगों ने पार्टी को अपने वश में कर लिया है जो पार्टी को दीमक की तरह चाट रहे हैं। 
हजारों कार्यकर्ताओं के बलिदान में जिस पार्टी का निर्माण किया गया था उसी पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को अपमानित और पार्टी विरोधी ताकतों को सम्मानित किया जा रहा है।पार्टी के 90 प्रतिशत कार्यकर्ता आज घुटन महसूस कर रहे है, राष्ट्रीय जनता दल में भी मुसलमानों के लिए कोई जगह नहीं बच गयी है उसे न तो मंच पे जगह दी जा रही है और न ही सरकार, संगठन में हिम्मेदारी दी जा रही है अगर कोई हिस्सेदारी दी भी गई है तो वो भी खरीद-फरोत के माध्यम से ही, जैसा की आम चर्चा में भी है की राज्यसभा की कुछ सीटें पैसों के लेन-देन से ही संभव हो पाया है।
जैसा की बीते दिनों बिहार शरीफ में दंगाइयों के द्वारा ऐतिहासिक मदरसा अजीजिया को जला दिया गया और मुसलमानों के मसीहा होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज की तारीख तक जायजा लेने ने वहां नहीं पहुंच पाए।प्रभावित लोगों को मुआवजा तो दूर की बात है जिनकी दुकाने जली रोजी रोजगार छीने गये उन्हें सरकार ने अभी तक एक थैला तक नहीं दिया माय समीकरणों सिर्फ कहने भर रही हैं सच तो यह है कि मुसलमानों को महागठबंधन में सम्मान नहीं मिल रहा है जैसे इफ्तार पार्टी में मुस्लिम नेताओं को फ्रंट में जगह नहीं दी गई लगभग 18% आबादी का सिर्फ इन्हें वोट चाहिए मुस्लिम नेता नहीं। मुसलमानों को आज सबसे अधिक नुकसान धर्मनिरपेक्ष दलों से नहीं पहुंचा है इनका काम सिर्फ भाजपा से डराना रह गया है । डर की राजनीति से मुसलमानों को बाहर निकालना होगा आज महागठबंधन में बड़े-बड़े मुस्लिम नेता हाशिए पर डाल दिए गए हैं लोकसभा विधानसभा चुनाव में समुचित हिस्सेदारी नहीं दी जा रही है मुस्लिम संगठन ठप पड़े हैं।