पटना सिविल कोर्ट में पत्नी एश्वर्या राय से तलाक की अर्जी दायर करने के बाद लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा है कि वह अपनी जीवनसंगिनी के साथ घुट-घुट कर नहीं जीना चाहते हैं। तेज प्रताप ने बताया कि यह सच्चाई है कि उन्होंने तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की है। तलाक की अर्जी में उन्होंने कहा है कि वह ‘कृष्ण’ हैं लेकिन उनकी पत्नी राधा नहीं है। वहीं दूसरी ओर खबर है कि राबड़ी देवी और ऐश्वर्या के परिवारजन रात भर सुलह समझौते की कोशिश की है और फैसला लिया गया कि ऐश्वर्या अपने ससुराल में ही रहेंगी। ऐसा राबड़ी देवी के कहने पर हुआ है।
वहीं मीडिया में आई खबरों के मुताबिक तेज प्रताप यादव अपने पिता लालू प्रसाद मिलने के लिए रांची गए हैं। हालांकि परिवार के अंदर इस नए विवाद ने कैसे जन्म लिया है इसका अभी तक कुछ भी पुख्ता तौर पर पता नहीं चल पाया है। इससे पहले भी तेज और तेजस्वी के बीच मतभेद खबरें आती रही हैं। अगर हम तेज प्रताप यादव के पिछले 4-5 दिनों के फेसबुक पोस्ट पर नजर डालें तो वह मथुरा में वृंदावन में कई जगहों से फेसबुक लाइव कर वहां की जगहों का महत्व समझा रहे हैं। तेज प्रताप हमेशा धार्मिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं और अक्सर मथुरा आते-जाते रहते हैं। वह कांवड़ यात्रा पर भी जाते हैं।
आपको बता दें कि तेज प्रताप की शादी ऐश्वर्या से इसी साल मई में हुई थी। यह एक हाईप्रोफाइल शादी थी। जिसमें राजनेता और बड़े अधिकारी शामिल हुए थे।12 मई को पटना का वेटरनरी कॉलेज ग्राउंड इस शादी का गवाह बना था। इस शानदार समारोह में एक ओर बिहार की सत्ता पर सबसे ज्यादा वक्त तक काबिज रहने वाले परिवार का बड़ा बेटा था दूल्हा था तो दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पौत्री और पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या दुल्हन थीं।
ऐश्वर्य ने जहां दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज मिरांडा हाउस से ग्रेजुएशन कर नोएडा की एमिटी युनिवर्सिटी से एमबीए किया तो तेज प्रताप यादव 12वीं तक ही पढ़ाई कर पाए। शादी के बाद दोनों की एक रोमांटिक तस्वीर भी सामने आई जिसमें तेज और उनकी पत्नी ऐश्वर्या साइकिल पर बैठे हैं। हालांकि उसके बाद से दोनों की कोई भी तस्वीर सार्वजनिक तौर पर नहीं आई है।
हां, शादी के बात तेज प्रताप यादव ज्यादातर धार्मिक यात्राओं में देखे गए और इस दौरान उनके कई रूप भी सामने आए। इसी बीच तेजस्वी के साथ उनके मतभेद की खबरें आई जिनके मुताबिक तेज का कहना था कि पार्टी में उनकी बात नहीं सुनी जाती है। फिलहाल तो बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की खबरें राजनीतिक न होकर अब घरेलू झगड़ों के रूप में आ रही हैं।