कोर्ट ने सृजन घोटाले की आरोपी रजनी प्रिया को 21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा - Punjab Kesari
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कोर्ट ने सृजन घोटाले की आरोपी रजनी प्रिया को 21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा

बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले की मुख्य आरोपी रजनी प्रिया को सीबीआई की टीम ने दस अगस्त

बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले की मुख्य आरोपी रजनी प्रिया को सीबीआई की टीम ने दस अगस्त को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के साहिबाबाद से गिरफ्तार किया था। और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर पटना ले जाया गया। वहीं, उनकी पेशी के लिए शुक्रवार को सीबीआई की टीम दिल्ली से पटना पहुंची। जहां सृजन घोटाला मामले की मुख्य आरोपी रजनी प्रिया को पटना सिविल कोर्ट की विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया। 
कोर्ट की अगली सुनवाई 21 अगस्त को
फिलहाल पेशी के बाद आरोपी रजनी प्रिया को 21 अगस्त के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं, कोर्ट की अगली सुनवाई 21 अगस्त को रखी गई है। गौरतलब है कि साल 2017 में बिहार का सबसे चर्चित सृजन घोटाला मामला सामने आया था, जिसकी जांच सीबीआई की टीम कर रही थी।
रजनी प्रिया को गाजियाबाद से गिरफ्तार
गुरुवार को रजनी प्रिया को गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया था और उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर पटना ले जाया गया। वही, आरोपी रजनी प्रिया को पटना की बेउर सेंट्रल जेल में रखा जाएगा।
1,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में शामिल
सीबीआई ने सृजन घोटाले के संबंध में 4 प्राथमिकी दर्ज की हैं, जिसमें अधिकारी और सृजन महिला विकास सहकारी समिति कथित तौर पर 2007 से 2017 के बीच 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले में शामिल थी।
सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार , ये रकम बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन बैंक ऑफ भागलपुर शाखा से निकाली गई।
बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा आरपी रोड, इंडियन बैंक शाखा पाताल रोड, बैंक ऑफ इंडिया शाखा त्रिवेणी अपार्टमेंट, सृजन महिला विकास सहकारी समिति (एसडब्ल्यूडीसीसी) और जिला कल्याण संघ भागलपुर के अधिकारियों पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और जालसाजी का आरोप है।
सृजन घोटाले मामले में 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर
25 अगस्त 2017 को सीबीआई ने जांच संभाली और इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। 27 में से 12 आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। रजनी प्रिया सृजन घोटाले की मुख्य आरोपियों में से एक हैं।
उनके पति अमित कुमार, पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया के खिलाफ भागलपुर के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया था. अमित कुमार और केपी रमैया अभी भी फरार हैं और एजेंसियां उनकी तलाश कर रही हैं।

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