बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने एक बार फिर हिंदू धार्मिक ग्रंथों को लेकर समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के बयानों को उद्धृत करते हुए विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रंथों में कई चीजें सीखने और अनुकरण करने की है। लेकिन, कुछ कचरा भी है।
इसमें घोर अपमानजक बातें है तो इसे हटाना पड़ेगा
उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 56 प्रकार का भोग लगाकर कोई गाली दे दे तो। राम मनोहर लोहिया भी कहा करते थे कि धार्मिक ग्रंथों में कई चीजें सीखने और अनुकरण करने की है। लेकिन, कुछ कचरा भी है। उन्होंने कहा कि जो कचरा है, वह इतना खतरनाक है कि हमारे समाज को समझ लें कि इसमें घोर अपमानजक बातें है तो इसे हटाना पड़ेगा।
जाति व्यवस्था पुरखों की गलती की देन
उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि इसे लेकर मैनें कुछ कहा तो मैं विवादास्पद बन गया। लेकिन, मोहन भागवत ने कहा कि कुछ ग्रंथों की समीक्षा होनी चाहिए तो, वह विवादास्पद नहीं है, क्योंकि वे पावन ब्राह्मण हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि जातियां हमने बनाई हैं। जाति व्यवस्था पुरखों की गलती की देन है। उन्होंने शिक्षक नियुक्ति को लेकर कहा कि परीक्षा से घबराना नहीं चाहिए।