लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि (बरसी) पर उनके बेटे चिराग पासवान ने अपने पूरे परिवार को एकजुट करने और सियासी गलियारों में अपने बिगड़े हुए रिश्तों को सुधारने की कोशिश की थी। इसी कारण उन्होंने आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, अपने चाचा पशुपति पारस और भाई प्रिंस को बरसी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया थ। इसके साथ ही चिराग ने बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार को भी बुलाया था।
रामविलास पासवान की बरसी पर विभिन्न दलों के नेताओं का जमावड़ा लगा हुआ था लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या जनता दल (युनाइटेड) का कोई भी बड़ा चेहरा इस कार्यक्रम में नहीं दिखा। इस पर चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। इसके आगे उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों के लिए संघर्षरत रहे और कोरोना काल में बतौर खाद्य व आपूर्ति मंत्री गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के लिए खाद्य सामाग्री उपलब्ध कराने को लेकर अपनी स्वास्थ्य की अनदेखी कर प्राण की आहुति दी।
अपने पिता रामविलास पासवान के बारे में बात करते हुए चिराग पासवान ने आगे कहा कि 50 साल से भी ज्यादा दिनों तक राष्ट्रीय राजनीति में अपनी बेदाग छवि के तहत उन्होंने हर वर्ग के लिए लड़ाई लड़ी। बरसी में बिहार के मुख्यमंत्री की गैर मौजूदगी को लेकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नीतीश कुमार किसी भी हाल में लोजपा नेता चिराग पासवान से दूरी बनाकर रखना चाहते हैं। वैसे, मुख्यमंत्री ने रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि अर्पित की थी, लेकिन वे इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए थे।