मुजफ्फरपुर में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने बॉलीवुड पर साधू-संतों के खिलाफ फिल्में बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये फिल्में लव जिहाद को बढ़ावा देती हैं और हिंदू-मुस्लिम रिश्तों को गलत तरीके से पेश करती हैं। युवाओं को नौकरी देने वाला बनने की सलाह देते हुए, उन्होंने दशरथ मांझी से प्रेरणा लेने की बात कही।
बिहार के मुजफ्फरपुर में कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने कथावाचन के दौरान बॉलीवुड फिल्मों में साधू-संतों के खिलाफ दिखने वाली स्टोरी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बॉलीवुड वाले आश्रम जैसी मूवी को बनाकर देश में साधू-संतों के प्रति लोगों को भड़काने का काम करती है। उन्होंने आगे कहा कि फिल्मों में लव जिहाद को बढ़ावा देना, मंदिरों और भगवान को बदनाम करने और बिहार में नौकरी के पीछे भागने की मानसिकता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा युवाओं को नौकरी देने वाला बनना चाहिए और पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाने वाले दशरथ मांझी से प्रेरणा लेनी चाहिए।
पताही में कर रहे प्रवचन
बता दें कि अनिरुद्धाचार्य पिछले 23 मई से मुजफ्फरपुर के पताही में कथावाचन कर रहे हैं। कथा कहते हुए उन्होंने लव जिहाद का मुद्दा उठाया। गुरु जी ने आगे कहा फिल्मों में हिंदू लड़कियों को मुस्लिम लड़कों के प्यार में फंसाकर दूसरे देश में बेचने जैसे कहानी को दिखाया जाता है। इस दौरान गुरु जी ने पीके फिल्म का उदाहरण देते हुए कहा कि मूवी में एक हिंदू लड़की होती है, उसका नाम जग्गू होता है, उस लड़की को पाकिस्तान के मुस्लिम लड़के से लव हो जाता है। उन्होंने कहा, यह लव जिहाद नहीं तो और क्या है।
युवाओं को दी सलाह
उन्होंने युवाओं को क्रिकेट देखने में अपना समय बर्बाद करने से बचने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन के पास कोई क्रिकेट टीम नहीं है, क्योंकि वे अपने लड़कों को काम पर लगा देते हैं। अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि बिहार में एक बड़ी बीमारी है, माता-पिता कहते हैं- नौकरी करो। उन्होंने कहा कि बिहार में हर माता-पिता अपने बच्चों से कहते हैं कि बेटा पढ़ाई करो, तुम्हें नौकरी करनी है, यही सबसे बड़ी बीमारी है। उन्होंने आगे कहा बेटे को यह मत कहो कि पढ़ लिख कर नौकरी करों, बल्कि उन्हें यह कहो कि यह कहो कि तुम पढ़ कर नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनो।
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