पटना,(पंजाब केसरी): वित्त मंत्री एवं जद(यू) के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने बताया कि गरीबी उन्मूलन के मामलों में बिहार का सबसे आगे निकलना तथा गरीबी घटाने के दर में राष्ट्रीय औसत 9.89 प्रतिशत के विरूद्व बिहार की 18.13 प्रतिशत की उपलब्धि भाजपा नेताओं को पच नहीं रही है। दरअसल नीतीश सरकार के अंध-विरोध में उन्हें बिहार को भी नीचा दिखाने से परहेज नहीं है। कुछ और नहीं सूझा तो अब केन्द्र के मदद का राग अलाप रहे हैं। यह सब निहायत भ्रामक प्रचार की मात्र कोशिश है। सच्चाई यह है कि केन्द्र सरकार, जो देश में गरीबी कम करने का दावा कर रही है, उसमें अधिकतम योगदान बिहार का है। श्री चौधरी ने कहा कि क्या भाजपा नेता कोई ऐसी योजना बता सकते हैं जो सिर्फ बिहार को मदद के नाम पर केन्द्र के द्वारा दी गई हो ? अगर अन्य राज्यों की तरह बिहार को भी संवैधानिक प्रावधानों एवं वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत ही राशि मिली है, तो दूसरे भाजपा शासित प्रदेशों को भी बिहार की दर पर गरीबी घटाने से किसने रोका था ? बिहारवासी जान रहे हैं कि यह नीतीश सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विकास तथा गरीबी दूर करने वाले नीतियों- कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन का ही नतीजा है। खेदजनक है कि जब केन्द्र सरकार एवं नीति आयोग बिहार की प्रशंसा कर रहे हैं, फिर भी बिहार के भाजपा नेताओं का बिहारीपन नहीं जगता।