गोहिल के 'हाईकमान' से बिहार प्रभार से मुक्त किए जाने को लेकर BJP और JDU का कांग्रेस पर कटाक्ष - Punjab Kesari
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गोहिल के ‘हाईकमान’ से बिहार प्रभार से मुक्त किए जाने को लेकर BJP और JDU का कांग्रेस पर कटाक्ष

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने पार्टी हाईकमान से बिहार प्रभार जैसे बड़े कार्यो से मुक्त

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने पार्टी हाईकमान से बिहार प्रभार जैसे बड़े कार्यो से मुक्त करने का अनुरोध किया है। गोहिल की इस मांग के बाद बिहार कांग्रेस नेताओं ने भले ही अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन भाजपा और जदयू ने कांग्रेस पर जोरदार कटाक्ष किया है।
गुजरात से राज्यसभा सांसद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, निजी कारणों से मैंने अपनी पार्टी के आलाकमान से अनुरोध किया है कि अगले कुछ महीनों के लिए मुझे हल्के काम आवंटित की जाएं और बिहार के प्रभार से मुक्त किया जाए। बता दें कि गोहिल पिछले साल कोविड -19 वायरस से संक्रमित भी हो गए थे। सूत्रों का कहना है कि गोहिल स्वास्थ्य कारणों से ही बिहार का प्रभार छोड़ना चाह रहे हैं। 
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इधर, गोहिल की बिहार प्रभार से मुक्त किए जाने की मांग ने राजग में शामिल भाजपा और जदयू को कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका दे दिया। बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कांग्रेस का मजाक उड़ाते हुए कहा कि गोहिल के इस ट्वीट ने यह साबित कर दिया कि कांग्रेस अब धरातल पर नहीं बल्कि ट्विटर, फेसबुक और सोशल मीडिया जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म की पार्टी रह गई है। बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से हकीकत सामने आ गई।
इधर, जदयू भी कांग्रेस पर कटाक्ष करने से पीछे नहीं रही। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बिहार कांग्रेस प्रभारी गोहिल का पार्टी हाईकमान से बिहार के संगठन की जिम्मेदारियों से मुक्त करने की अपील करना दरअसल और कुछ नहीं बल्कि समस्याओं को दूसरी तरफ मोड़ने का प्रयास है। उन्होंने कहा बिहार में कांग्रेस का कोई अस्तित्व नहीं बचा है और कांग्रेस पूरी तरह से जमींदोज हो चुकी है।
बहरहाल, गोहिल के बिहार प्रभार से मुक्त किए जाने को लेकर विरोधी जहां अपने सियासी तीर चला रहे हैं, वहीं कई लोग इसे बिहार में कांग्रेस की गुटबाजी से जोड़कर देख रहे हैं। बिहार चुनाव में पार्टी के लचर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के बिहार प्रभारी पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था।
बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन केवल 19 में ही जीत हासिल कर सकी थी। इसके बाद कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने टिकट बंटवारे को लेकर प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर सौदेबाजी का आरोप लगाया था।

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