बिहार के सारण जिले में शहीद मोहम्मद इम्तियाज को हजारों नम आंखों से विदाई दी गई। जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में देश की रक्षा करते हुए उन्होंने बलिदान दिया। उनके अंतिम दर्शन के लिए भारी भीड़ जुटी और वीर शहीद अमर रहें के नारों के बीच उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में क्रॉस बॉर्डर फायरिंग में देश की रक्षा करते हुए अपना बलिदान देने वाले बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव सारण जिले के नारायणपुर पहुंचा। उनके अंतिम दर्शन के लिए पहले से ही उनके ‘सीमा प्रहरी आवास’ पर हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा थी। यहां पहुंचने वाले सभी लोगों की आंखें नम थीं, लेकिन अपने शहीद लाल पर गर्व भी था। वीर शहीद अमर रहें के नारों के बीच उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया। सोमवार दोपहर के बाद शहीद मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर सेना के विशेष वाहन से उनके गांव नारायणपुर पहुंचा। पार्थिव शरीर के पहुंचने के साथ ही पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। पूरा गांव भारत माता की जय, वंदे मातरम, वीर इम्तियाज अमर रहें जैसे नारों से गूंज रहा था। घरों की छतें, चहारदीवारी और सड़कों पर भारी संख्या में भीड़ शहीद की एक झलक पाने को लेकर व्यग्र दिखी। शहीद सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज के छोटे भाई बीएसएफ जवान मोहम्मद मुस्तफा ने कहा कि मेरे भाई की शहादत हुई है। 2029 में इनका रिटायरमेंट था।
कौन थे शहीद मोहम्मद इम्तियाज? जिनकी शहादत पर नम हो गई पूरे गांव की आखें
ताबूत में रखे शहीद के पार्थिव शरीर के उनके पैतृक आवास पर पहुंचते ही पूरा परिवार रो पड़ा। परिवार की स्थिति देखकर आसपास के लोगों के आंसू भी बहने लगे। इससे पहले बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज का पार्थिव शरीर पटना लाया गया। जहां उनके पार्थिव शरीर पर कई लोगों ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
पटना एयरपोर्ट पर मंत्री श्रवण कुमार, नितिन नबीन, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मौजूद रहे और उन्होंने शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। पटना एयरपोर्ट पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में प्रशासनिक अधिकारी और बीएसएफ के कई अधिकारी मौजूद रहे।