आरा, 1 अप्रैल (आईएएनएस)। बिहार को ज्ञान की भूमि भी कहा जाता है। समय बदला और इस ऐतिहासिक भूमि ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव की यात्रा में भी सहभागिता निभाई। बिहार का आरा जिला भी इससे अछूता नहीं रहा।
राजनीतिक बदलाव और विकास की यात्रा में इस धरती ने मौजूदा केंद्र सरकार का समय भी देखा, जिसने न सिर्फ रोटी, कपड़ा और मकान की फिक्र की, बल्कि आम जनता के इलाज में रुपये बाधक न बनें, उसकी चिंता भी की और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का तोहफा दिया, जिससे लोगों को एक प्रकार से आरोग्य का वरदान मिला है।
दरअसल, बिहार के आरा जिले में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बड़ी राहत बनकर उभरा है। आरा सदर अस्पताल परिसर में स्थित इस औषधि केंद्र पर शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जेनरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी कम दाम पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यह जिले का पहला और सबसे पुराना जन औषधि केंद्र है, जहां हर दिन मरीजों की भारी भीड़ देखी जाती है। इस केंद्र पर दवाएं इतनी किफायती दाम पर मिलती हैं कि मरीज अब महंगे मेडिकल स्टोर्स की बजाय सीधे यहीं से अपनी दवाएं खरीदते हैं।
इस केंद्र पर महिलाओं के लिए सस्ते सेनेटरी पैड भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो बाजार से काफी कम कीमत पर मिलते हैं। यह सुविधा गरीब एवं जरूरतमंद महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि महंगे दामों के कारण कई महिलाएं अब तक सेनेटरी पैड का उपयोग नहीं कर पाती थीं।
जन औषधि केंद्र के मालिक नागेंद्र चौधरी ने आईएएनएस को बताया, “हमारा जन औषधि केंद्र जिले का पहला केंद्र है। यहां से सस्ती दरों पर दवाएं मिलने से गरीब मरीजों को काफी राहत मिल रही है। सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों की पहली पसंद अब हमारा जन औषधि केंद्र बन चुका है।”
कई मरीज शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाएं एक साथ पांच-पांच डिब्बे तक खरीदते हैं, जिससे उन्हें बाजार के महंगे दामों से राहत मिलती है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत खोला गया यह केंद्र मरीजों की सेहत के साथ उनकी जेब का भी ध्यान रख रहा है। महंगी दवाओं से तंग लोगों को यहां से गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाएं मिल रही हैं, जिससे वे अपना इलाज जारी रख पा रहे हैं। जन औषधि केंद्र पर सस्ती दरों पर जरूरी दवाएं मिल जाती हैं। महिलाओं के लिए सस्ते सेनेटरी पैड उपलब्ध हैं।
–आईएएनएस
डीएससी/एबीएम/एकेजे
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दरअसल, बिहार के आरा जिले में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बड़ी राहत बनकर उभरा है। आरा सदर अस्पताल परिसर में स्थित इस औषधि केंद्र पर शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट, किडनी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जेनरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं की तुलना में काफी कम दाम पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह जिले का पहला और सबसे पुराना जन औषधि केंद्र है, जहां हर दिन मरीजों की भारी भीड़ देखी जाती है। इस केंद्र पर दवाएं इतनी किफायती दाम पर मिलती हैं कि मरीज अब महंगे मेडिकल स्टोर्स की बजाय सीधे यहीं से अपनी दवाएं खरीदते हैं।
इस केंद्र पर महिलाओं के लिए सस्ते सेनेटरी पैड भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो बाजार से काफी कम कीमत पर मिलते हैं। यह सुविधा गरीब एवं जरूरतमंद महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है, क्योंकि महंगे दामों के कारण कई महिलाएं अब तक सेनेटरी पैड का उपयोग नहीं कर पाती थीं। जन औषधि केंद्र के मालिक नागेंद्र चौधरी ने आईएएनएस को बताया, “हमारा जन औषधि केंद्र जिले का पहला केंद्र है। यहां से सस्ती दरों पर दवाएं मिलने से गरीब मरीजों को काफी राहत मिल रही है। सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों की पहली पसंद अब हमारा जन औषधि केंद्र बन चुका है।”
कई मरीज शुगर और ब्लड प्रेशर की दवाएं एक साथ पांच-पांच डिब्बे तक खरीदते हैं, जिससे उन्हें बाजार के महंगे दामों से राहत मिलती है। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत खोला गया यह केंद्र मरीजों की सेहत के साथ उनकी जेब का भी ध्यान रख रहा है। महंगी दवाओं से तंग लोगों को यहां से गुणवत्तापूर्ण और सस्ती दवाएं मिल रही हैं, जिससे वे अपना इलाज जारी रख पा रहे हैं। जन औषधि केंद्र पर सस्ती दरों पर जरूरी दवाएं मिल जाती हैं। महिलाओं के लिए सस्ते सेनेटरी पैड उपलब्ध हैं।