बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने गुरुवार को अपना अनशन तोड़ दिया। वह दो जनवरी को गांधी मैदान पर अपनी पांच सूत्री मांग को लेकर अनशन पर बैठे थे। गुरुवार को प्रशांत किशोर गंगा नदी के एलसीटी घाट स्थित जन सुराज आश्रम पहुंचे और गंगा में डुबकी लगाई, फिर केला खाकर आमरण अनशन खत्म किया। इसके बाद उन्होंने हवन किया और महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि वे महात्मा गांधी के बताए मार्गों पर चल रहे हैं।
प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ी
प्रशांत किशोर ने कहा कि अब मैं जन सुराज आश्रम में रहूंगा और बिहार की व्यवस्था से परेशान लोगों की लड़ाई लड़ूंगा। बीपीएससी अभ्यर्थियों की मांग को लेकर प्रशांत किशोर दो जनवरी को पटना के गांधी मैदान पहुंचे थे और फिर आमरण अनशन पर बैठ गए थे। पांच दिनों बाद प्रशांत किशोर को पटना पुलिस ने तड़के गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसी दिन कोर्ट से उन्हें जमानत दे दी गई। इसके बाद भी उन्होंने अनशन नहीं तोड़ा, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई।
अस्थाई कैंप की अनुमति
बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सेहत में सुधार होने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, लेकिन प्रशांत किशोर ने अपना अनशन जारी रखा। इस बीच, बीपीएससी के छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से भी मुलाकात की। इस बीच, उनकी पार्टी ने गंगा किनारे निजी जमीन पर टेंट सिटी का निर्माण शुरू किया, लेकिन जिला प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी। हालांकि, जिला प्रशासन ने फिर अस्थाई कैंप बनाने की अनुमति दे दी। इसके बाद जन सुराज पार्टी की तरफ से टेंट सिटी बनाई गई।