Bihar Flood Alert : बिहार में बाढ़ का वो दृश्य जिसने रात की नींद उड़ायी, कोसी-गंडक उफनाई
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Bihar Flood Alert : बिहार में बाढ़ का वो दृश्य जिसने रात की नींद उड़ायी, कोसी-गंडक उफनाई

Bihar Flood Alert

Bihar Flood Alert : नेपाल(Nepal ) की भारी बारिश से बिहार में कोसी और गंडक नदी के जलस्तर को काफी अधिक बढ़ा दिया। साथ ही अब बिहार में बाढ़ का संकट अधिक गहरा गया है। बता दें कि शनिवार को कोसी बराज से रिकॉर्ड पानी छोड़ा गया। वहीं इस बार सबसे अधिक पानी डिस्चार्ज दर्ज हुआ जो 6 लाख क्यूसेक से अधिक रहा।

Highlights
. बिहार के कई जिलों में आया बाढ़
. 6 लाख क्यूसेक से अधिक पानी किया गया डिस्चार्ज
. आपदा प्रबंधन विभाग ने 20 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया

Bihar Flood Alert : बिहार के कई जिलों में आया बाढ़

Bihar Flood Alert : Nepal की भारी बारिश से बिहार में कोसी और गंडक नदी के जलस्तर को काफी अधिक बढ़ा दिया। जानकारी के लिए बता दें कि गंडक और कोसी (Kosi River) नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे उत्तर बिहार के कई जिलों में बाढ़ आ गई है। पिछले 24 घंटों में दोनों नदियों से पानी का डिस्चार्ज पांच गुना बढ़ गया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने 20 जिलों में बाढ़ का अलर्ट जारी किया है।

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Bihar Flood Alert : सहरसा में नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हुई मूसलाधार बारिश और बराज से हुए अत्यधिक डिस्चार्ज से नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिसके कारण पूर्वी एवं पश्चिमी कोसी तटबंध के बीच बाढ़ आ गई है। रविवार को सुबह से ही पूर्वी कोसी तटबंध पर अफरा-तफरी की स्थिति रही। कुछ लोग बाढ़ देखने आए थे तो कुछ तटबंध के बीच फंसे अपनों का हाल जानने आए थे। इससे तटबंध पर काफी भीड़ बढ़ गई और कई जगहों पर जाम की स्थिति भी बन गई। लगातार प्रशासनिक अधिकारियों का काफिला बांध पर गश्त लगा रहे हैं।

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Bihar Flood Alert : कोसी नदी को क्यों कहते हैं बिहार अभिशाप

कोसी का चरित्र अन्य नदियों से काफी अलग है। अन्य नदियों के लोड में अत्याधिक डिस्चार्ज के समय जहां मिट्टी और बालू होते हैं। वहीं कोसी का लोड सिल्ट है। क्योंकि अन्य नदियों के मुकाबले यह बहुत तेजी से नेपाल स्थित चतरा के पास मैदानी इलाके में प्रवेश करती है और अपनी 72 किलोमीटर की यात्रा के बाद भारतीय सीमा में इसका लोड सेटल नहीं हो पाता है। यही कारण है की यह सिल्ट कोसी बराज की क्षमता कम करता है और इसके गेट को क्षति भी पहुंचाता है. सिल्ट को सैंड में बदलने और फिर सैंड को मिट्टी में बदलने की एक लंबी प्रक्रिया है. इसीलिए इस नदी को अभिशाप माना गया।

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