कैंप लगा कर दिल में छेद वाले 17 बच्चों का आईजीआईसी में डिवाइस क्लोजर तकनीक से हो रहा इलाजः मंगल पांडेय - Punjab Kesari
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कैंप लगा कर दिल में छेद वाले 17 बच्चों का आईजीआईसी में डिवाइस क्लोजर तकनीक से हो रहा इलाजः मंगल पांडेय

स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में दिल में छेद वाले बच्चों के इलाज के

पटना, (पंजाब केसरी) : स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में दिल में छेद वाले बच्चों के इलाज के प्रति स्वास्थ्य विभाग तत्पर है। अब ऐसे बच्चों का इलाज पटना में भी किये जाने को लेकर विभाग का प्रयास जारी है। इसी क्रम में पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आईजीआईसी) में दो दिवसीय कैंप (27-28 जुलाई) लगाकार 17 बच्चों का डिवाइस क्लोजर तकनीक के जरिये निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। इसमें बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा, गोपालगंज, मुंगेर, पटना, सारण, सीतामढ़ी, सुपौल और वैशाली के बच्चे शामिल हैं। 
श्री पांडेय ने कहा राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर और राज्य के भीतर ही उपलब्ध कराने को लेकर योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि लोगों को जटिल से जटिल बीमारी के इलाज व ऑपरेशन की सुविधा राज्य की राजधानी में सुगमता से मिले। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के प्रयास से कई कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत कम आय वाले परिवारों को इससे काफी मदद मिल रही है। ऐसे बच्चे जो दिल में छेद की समस्या से पीड़ित हैं। उनका इलाज तेजी से किया जा रहा है। डिवाइस क्लोजर तकनीक के जरिये इलाज करने लिसी हॉस्पिटल केरल से एक वरीय चिकित्सक आए हैं। उनके सहयोग में आईजीआईसी के स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं। इसे दौरान यहां के चिकित्सकों को गुणवत्तापूर्ण सर्जरी के टिप्स भी देंगे। बिहार से बच्चों को सर्जरी के लिए अहमदाबाद सत्य साईं भी भेजा जाता रहा है। बिहार में भी बच्चों का ईलाज इस तकनीक से कर राज्य इस दिशा में स्वावलंबी बन रहा है। 
श्री  पांडेय ने कहा कि अहमदाबाद भेजे जाने से पूर्व आईजीआईसी में कैंप लगाकार दिल मे छेद वाले विभिन्न बच्चों की जांच होती है। जिन बच्चों का इलाज दवा से हो सके। उनका इलाज दवा से किया जाता है। जिनको सर्जरी की जरूरत पड़ती है। उनकी सर्जरी अहमदाबाद के अस्पताल में निःशुल्क कराया जाता है। साथ में जाने वाले अटेंडेंट का सारा खर्चा भी राज्य सरकार वहन करती है। केंद्र और राज्य के संयुक्त प्रयास से जहां बच्चों को नया जीवन मिल रहा हैं, वहीं परिवार की परेशानी भी दूर हो रही है।

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