शीला दीक्षित के बदौलत इटावा को NTPC संयत्र का मिला था तोहफा
दिल्ली की विकास दूत के तौर पर अमिट छाप छोड़ने वाली कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के प्रयासों की बदौलत उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) के संयंत्र की स्थापना हुयी थी।
ओलंपिक मेजबानी के लिए भारत को ‘दोहरे अंक’ में पदक जीतने होंगे : बत्रा
बत्रा ने कहा, ‘‘हम 2032 में ओलंपिक, 2030 में एशियाई खेलों और 2026 में युवा ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं।
वर्धमान स्टेशन का नाम अब बटुकेश्वर दत्त स्टेशन होगा : नित्यानंद
सर्वस्व न्योछावर करने वाले इस महान सपूत को सम्मान देना हम सभी का कर्तव्य है ताकि आज की पीढ़ अपनी विरासत को समझ सके।
सभी तटबंधों की सतत् निगरानी करें अभियंता : संजय झा
तटबंध नहीं टूटे यह सुनिश्चित करने की जवाबदेही अभियंताओं की है। इसमें किसी भी प्रकार की चूक या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
केंद्र सरकार द्वारा Budget में कटौती पर कांग्रेस का धरना प्रदर्शन
मध्यप्रदेश के सागर में आज मोदी सरकार द्वारा अपने बजट में मध्यप्रदेश के हिस्से में कटौती करने और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा असंवैधानिक रुप से गिरफ्तार किये जाने के विरोध में कांग्रेसजनों ने धरना प्रदर्शन किया।
कांग्रेस सरकार किसानों को ऋण वसूली के लिए भेज रही है नोटिस : भाजपा
सवाल के जवाब में प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने दावा किया कि राज्य में किसान को कृषि ऋण के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया है।
दिल्ली की सूरत बदलने वाली शिल्पकार थीं शीला
देश की राजधानी कई नेताओं के उदय और पराभव की साक्षी बनी, लेकिन इनमें शायद शीला दीक्षित इकलौती ऐसी नेता रहीं, जिन्हें दिल्ली ने वर्षों तक विकास की नयी-नयी इबारतें गढ़ते देखा।
दिल्ली की सूरत बदलने वाली शिल्पकार थीं शीला
देश की राजधानी कई नेताओं के उदय और पराभव की साक्षी बनी, लेकिन इनमें शायद शीला दीक्षित इकलौती ऐसी नेता रहीं, जिन्हें दिल्ली ने वर्षों तक विकास की नयी-नयी इबारतें गढ़ते देखा।
इंदौर के कॉल सेंटर रैकेट से जुड़े दो लोगों को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार किया
ठाणे पुलिस टीम ने तब यहां छापा मारा। पुलिस ने दो आरोपी अरविंद चौहान (26) और तापेश शर्मा (22) को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पारिवारिक संबंधित नियम के उल्लघंन के लिये सवालों के घेरे में सीनियर क्रिकेटर
इस मामले को अभी सीओए को रिपोर्ट किया जाना है, पर सवाल यह है कि प्रशासनिक मैनेजर सुनिल सुब्रमण्यम ने इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जबकि यह मसला उनके अधीन आता था।